गोदी मीडिया भी गुमराह किसानों को नही समझा पा रही है
कृषि बिल को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर विगत तीन महीनों से किसान धरने पर बैठे है, मोदी सरकार गुमराह किसानों को समझाने में क्यो सफल नही हो पा रहा है, यह ऐसा सवाल है जो आम जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योकि मोदी सरकार किसान आंदोलन की ताकत को कम करने के लिए विपक्ष पर निशाना साध रहा है कि विपक्ष कृषि बिल को लेकरह किसानों को गुमराह कर रहे हेै जिसकी वजह से किसान आंदोलन कर रहे है। सवाल यह है कि मोदी सरकार ने पूर्व में भी अपने नेताओं को किसानों व आम जनता के बीच जाकर कृषि बिल के लाभ बताने को कहा था, जिसके तहत प्रदेश सहित देश के अन्य हिस्सों मेंं भाजपा नेताओं ने कृषि बिल के लाभ बताने की कोशिश की, इसमें कितनी कामयाबी मिली इसकी कोई समीक्षा मोदी सरकार के द्वारा नही की गयी वर्तमान में एक बार फिर कृषि बिल के लाभ बताने की जिम्मेदारी मोदी सरकार ने भाजपा के किसान नेताओं को दी है लेकिन संजीव वाल्यान जैसे नेताओं को गांव से भगाया जा रहा है लेकिन इसके बाद भी मोदी सरकार के नेता व मंत्री विपक्ष पर आरोप लगा रहे हेै कि वह किसानों को भ्रमित कर रही है। सवाल यह है कि देश का शत प्रतिशत मीडिया मोदी सरकार की जूबान बोलता है, इसके अलावा मंत्री व अन्य लोग भी कृषि बिल के लाभ को समय समय पर समझाने का प्रयास करने के बाद भी किसान कृषि बिल को नही समझ पा रहे है, वही कमजोर विपक्ष जिसे गोदी मीडिया दिन भर कटघरे में खड़ा करते रहता है वह मोदी सरकार में इतना ताकतवर हो गया है कि किसान को बरगलाकर स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा आंदोलन खड़ा करने में सफल हो गये है। मोदी सरकार के मंत्रियों की बात मानें तो निश्चित ही मोदी सरकार में विपक्ष ताकतवर होता जा रहा है, ऐसा विगत सात सालों में कभी नही हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री डॅा रमन सिंह भी कृषि बिल मामले पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी भ्रंम फैला कर किसानों को गुमराह कर रही है, लेकिन यह नही बताया कि मोदी सरकार सत्ता में होने के बाद भी तीन महीने में गुमराह किसानों को समझाने में क्यो सफल नही हो पाई, जबकि मोदी सरकार व किसानों के बीच कई चरणों की बातचीत हो चुकी है।