नोट में भगवान का फोटो लगाने से परहेज करने वाली मोदी सरकार कैसे धर्मनिरपेक्षता को खत्म करेगी?
गुजरात चुनाव में भाजपा के हिन्दुत्व मुद्दे में सेंधमारी करने के लिए आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने नोट में लक्ष्मी व गणेश के फोटो लगाने की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करके हिन्दुत्व की राजनीति में उबाल ला दिया है। यह सवाल आम जनता के बीच भी चर्चा का विषय बनता जा रहा है कि जब मोदी सरकार नोट में भगवान लक्ष्मी व गणेश की फोटो लगाने से परहेज कर रहे है तो फिर कैसे भारत को हिन्दू राष्ट्र बनायेगी ? क्योकि मोदी सरकार आने के बाद बहुत से लोगों ने भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की उम्मीद पाल रखी थी, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के द्वारा भारतीय नोट में भगवान की फोटो लगाने की मांग पर मोदी सरकार की सकारात्मक प्रतिक्रिया नही आने से लोगों में हिन्दू राष्ट्र बनाने की उम्मीदों पर भी पानी फिरता दिख रहा है।
कश्मीर में धारा 370 हटाने के साथ ही राम मंदिर के निर्माण के अलावा, सीएए लागू करने को लेकर मोदी सरकार की सक्रियता के बाद लोगों में यह उम्मीद जागी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को हिन्दू राष्ट्र जरूर बनायेगें, लेकिन हिन्दुओं के सबसे बड़े त्यौहार दीपावली के मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारतीय नोट में लक्ष्मी व गणेश की फोटो लगाने की मांग की ताकि रूपये के गिरावट को रोका जा सके, इसके बाद मोदी सरकार पहली बार हिन्दुत्व के मुद्दे पर बैकफुट में नजर आई। जिसका आम आदमी पार्टी ने भरपुर फायदा उठाते हुए भाजपा के हिन्दुत्व विरोधी बताने का प्रयास किया, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि भाजपा को देश की कोई राजनीतिक पार्टी हिन्दू विरोधी बताने का प्रयास किया हो, अभी तक भाजपा ही कांग्रेस व अन्य राजनीतिक दलों को मुस्लिम समर्थक बता कर अपने आपकों हिन्दू समर्थक बताने में सफल होती रही है। वही दूसरी तरफ उन लोगों को भी जबरदस्त धक्का लगा जो यह सोच रहे थे कि मोदी सरकार भारत को हिन्दूराष्ट्र बनायेगी? क्योकि जब मोदी सरकार भगवान की फोटो को भारतीय नोट में नही लगा सकी, जबकि दूनिया के दूसरे देशों में भगवान राम की फोटो को अपनी नोटों में लगाई है, ऐसे में मोदी सरकार कैसे धर्मनिपेक्षता को खत्म करके हिन्दू राष्ट्र बनायेगी?