May 1, 2025

राज्य सरकार की रणनीति पर उठने लगे सवाल

राज्य के 28 में से 18 जिलों में लगाया गया लॉकडाउन
आधे से ज्यादा राज्य लॉकडाउन, पूर्ण लॉकडाउन क्यो नही लगाया राज्य सरकार ने?

राज्य सरकार द्वारा कोरेाना संक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशासन को जिम्मेदारी देना क्या सही रणनीति है? यह सवाल इसलिए उठने लगा है क्योकि राज्य के 28 जिलों मेंं से 18 जिलों में लॉकडाउन लगाया जा चुका है, इसके बाद भी क्या कोरोना संक्रमण को रोका जा सकेगा?

राज्य में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार को पूरे राज्य में एक साथ लॉकडाउन करने का फैसला लिया जाता तो निश्चित ही आवागमन पर भी लगाम लगती जिससे कोरेाना संक्रमण का फैलाव पर भी काबू पाया जा सकता था, लेकिन ऐसा ना करके जिला प्रशासन को जिम्मेदार कही ना कही राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी से भागती हुई दिखाई दे रही है, वही धीरे धीरे एक के बाद एक जिले लॉकडाउन लगता जा रहा है। राज्य में कोरोना की दूसरी लहर को रोकने लिए धारा 144,

फेल हो रहें हैं उपाय

नाईट कफ्र्यू का उपयोग किया गया लेकिन जब सफलता नही मिली तो लॉकडाउन का सहारा जिला प्रशासन ने लिया। गौरतलब है कि लॉकडाउन के बाद भी आवागमन चालू रहने से कोरोना संक्रमण का खतरा कम नही हुआ है। छत्तीसगढ़ के 28 जिलों में से 18 जिलों में जिला प्रशासन ने लॉकडाउन लगा कर लगभग आधा राज्य से ज्यादा क्षेत्र में लॉकडाउन लगा दिया है, इसके बाद भी क्या कोरेाना संक्रमण रूकेगा क्योकि लॉकडाउन लगानी की तारीख जिला प्रशासन ने अपने अपने हिसाब से तय की है इसलिए लॉकडाउन भी एक साथ नही खूलेगा? जबकि छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर सुनामी का रूप धारण करती दिखाई दे रही है। एक दिन में दस हजार से ज्यादा मामले आ रहे है, राज्य में कोरेाना संक्रमितो की संख्या 90 हजार को पार कर गयी है जबकि मरने वाला का आंकड़ा भी पांच हजार के करीब पहुंच रहा है। छत्तीसगढ़ में कोरेाना संक्रमण को रोकने लिए प्रयोग किये जा रहे है उससे कोरोना संक्रमण को रोक पाना समय गुजरने के साथ ही मुश्किल होता जा रहा है।

मुसीबतें अभी बाकि हैं।

लॉकडाउन से जनता तो परेशान हेै लेकिन जिस उद्देश्य के लिए लॉकडाउन लगाया गया हेै वह भी आवागमन खूले होने के कारण पूरा होता नही दिख रहा है। कोरेाना की पहली लहर के दौरान मोदी सरकार ने पूरे देश मेें लॉकडाउन लगाने के बाद भी कोरेाना संक्रमण की रफ्तार को रोकने में सफल हुए लेकिन कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे थे। ऐसे में सवाल यह है कि जिला स्तर पर लगाये जाने वाले लॉकडाउन से कैसे कोरोना संक्रमण रूकेगा, प्रशासन के इन प्रयोगों से जनता की जरूर परेशानी जरूर बढ़ा दी है। जानकारों का मानना है कि राज्य सरकार को कोरेाना की कमान अपने हाथ में लेनी चाहिए ना कि इस जिला प्रशासन के कंधो पर जिम्मेदारी डाल कर अपनी जिम्मेदारी से भागना चाहिए, देश के हालात तो एक बार फिर पूर्ण लॉकडाउन के बन गये है लेकिन छत्तीसगढ़ में बढ़ते कोरेाना के मामले को देखते हुए राज्य स्तरीय लॉकडाउन पर विचार जरूर करना चाहिए ताकि कोरेाना संक्रमण पर किसी भी हालत में काबू पाया जा सके, क्योकि सरकार के द्वारा अभी तक उठाये गये सभी कदम फेल हो चुके है।

 

जिला में नही, प्रदेश में लॉकडाउन लगना चाहिए!

मोदी सरकार को कटघरे मेें खड़ा किया, कांग्रेस सरकार को क्यो नही?

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