पहली बार मोदी सरकार की कार्यशैली पर भाजपाईयों ने सवाल उठाया
आठ सालों में पहली बार भाजपाईयों ने भाजपा प्रवक्ता नुपूर शर्मा के पार्टी के निलंबित करने पर मोदी सरकार पर सवाल उठाया है। जो बताता है कि मोदी सरकार को एकजुटता सिर्फ हिन्दुत्व का मुद्दा ही रख सकता है, हिन्दुत्व के खिलाफ बोलने पर मोदी सरकार पर भी उंगली उठाने से भाजपाई परहेज नही कर रहे है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि नुपूर शर्मा को पार्टी से निलंबित करने से पहली बार हिन्दुत्व की राजनीति कमजोर होती दिखाई दे रही हैं, और अगर इस मामले पर गिरफ्तारी हुई तो भाजपा के इस कोर एजेंडा को भारी नुक्सान हो सकता है।
केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद उनके हर सही और गलत फैसले पर भाजपाई साथ खड़े नजर आये, चाहे नोटबंदी का मामला हो, या कृषि कानून का, सरकारी संपत्ति के बेचने का भी भाजपाई समर्थन कर रहे है लेकिन भाजपा प्रवक्ता नुपूर शर्मा के विवादित बयान पर सऊदी अरब के देशों की नाराज़गी के बाद उन्हें पार्टी से निकालने को लेकर भाजपा के अंदर भी विरोध की आवाज़ उठ रही है, यह मामला बताता है कि मोदी सरकार के साथ उसका समर्थक हिन्दुत्व के मुद्दे को छोड़कर हर मामले पर साथ खड़ा है, मोदी सरकार पहली बार हिन्दुत्व के मुद्दे पर मुस्लिम देशों के दबाव में आने से भाजपा के अंदर ही खलबली मच गई है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस घटना ने भाजपाईयों के हिन्दू राष्ट्र के सपने को भी तार तार कर दिया है, जब मोदी सरकार मुस्लिम देशों के दबाव में हिन्दुत्व की चिंता करने वाले प्रवक्ता को बचा नहीं सकी तो कैसे हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए दुनिया के दबाव को झेल पायेगी?