कांग्रेस संगठन की चिंता करने वाले भाजपाईयों को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पर मौन
नई राष्ट्रीय कार्यकारणी का गठन तक नही हुआ
भाजपा नेता गांधी परिवार व कांग्रेस संगठन की राजनीति में इतने चिंतित हो गये है कि वह यह भी भूल गये कि भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक विगत ढ़ाई सालों से नही हो सकी है, और ना ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने ही अपनी कार्यकारिणी तक नही बनायी है, इसकी भी मांग हमें करनी चाहिए, ताकि देश की जनता में यह संदेश जा सके कि भाजपा, पार्टी के संविधान का पालन करती है , भाजपा के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय और राज्य कार्यकारिणी की बैठक हर तीन महीने में होने चाहिए लेकिन जनवरी 2019 में एक पूर्ण राष्ट्रीय कार्यकारिणी सम्मेलन बुलाया था इसके बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की कोई भी बैठक नही हो सकी है। जबकि राज्य कार्यकारिणी की बैठके कोरोना संक्रमण में भी आयोजित हो रही है।
भाजपा के अच्छे दिनों के चलते भाजपा नेता कांग्रेस संगठन व गांधी परिवार की चिंता में इस कदर व्यस्त नजर आ रही है, कि ढ़ाई साल का लम्बा वक्त गुजर जाने के बाद भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित करना जरूरी नही समझा, क्योकि आलाकमान इन दिनों जो भी फैसला ले रहा है वह पूरी तरह राष्ट्रहित में है ऐसे में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आयोजन की जरूरत ही क्या है, दबी जूबान पर जरूर सवाल उठाये जा रहे है लेकिन खूल कर बोलने का साहस किसी भी भाजपा नेता में कांग्रेस नेताओं की तरह नही है। भाजपा इस देरी के लिए महामारी प्रतिबंध का बहाना ले रही है , लेकिन इस दौरान कम से कम पांच राजयों में राज्य कार्यकारिणी की बैठक भौतिक रूप से भी आयोजित की जा चुकी है जो स्पष्ट करता है कि केंद्रीय नेतृत्व राज्यों में कार्यकारिणी की बैठक को लेकर गंभीर है लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर नही। पार्टी नेतृत्व नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी टीम का गठन तक नही कर पायी है,लेकिन इसकी चिंता भी किसी भाजपाईयों को नही है। कांग्रेस से सवाल पूछने वाले भाजपा नेताओं को राष्ट्रीय नेतृत्व से भी सवाल करना चाहिए कि अभी तक राष्ट्रीय नेतृत्व ने कार्यकारणी की बैठक और टीम के गठन में इतना विलंब क्यो हो रहा है। जिसके चलते यह सवाल गहराने लगा है कि कुछ मुट्ठी भर नेता व्यापक विचार विमर्श के बिना ही सारे फैसले लेते है इसकी वजह से क्षेत्रीय नेता को उभरने का मौका भी नही मिल पाता है और ना ही पार्टी नेताओं को अपनी बात ही रखने का अवसर दिया जा रहा है। गोदी मीडिया में भाजपा की इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को लेकर कांग्रेस संगठन की तरह गंभीर नही हैं, जिसकी वजह से कांग्रेस संगठन की कमजोरियों पर चर्चा हर मंच पर होती है लेकिन भाजपा संगठन की कमजोरियों पर चर्चा नही होती है। भाजपा से जूडे नेताओं का कहना है कि संगठन पूर्व में ही इसी तरह से काम करता तो आज जो सत्ता के कुर्सी पर बैठे है वह कभी वहां तक नही पहुंच पाते।