एक पखवाड़े में कोंडागांव से जूडे तेंदुए की खाल के दो मामले सामने आये
कोंडागांव क्षेत्र से जूडें लोगों के द्वारा तेंदुए की खाल की तस्करी में पकड़े जाने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि कोंडागांव क्षेत्र तेंदुए का शिकार बड़े पैमाने पर किया जा रहा है, लेकिन पुलिस खाल तस्करों को तो पकड़ रही है लेकिन किस क्षेत्र में तेंदुए का शिकार किया जा रहा है यह अभी तक स्पष्ट नही हो सका है।
कोंडागांव क्षेत्र के फरसगांव थाना क्षेत्र में छोटे डोंगर के पास विगत दिनों तेंदुए के खाल के साथ आरोपी को पकडऩे में सफलता प्राप्त की थी इसके बाद धमतरी में पुलिस ने कोंडागांव के युवक के पास से 10 लाख रूपये की लागत की तेंदुए की खाल बरामद की। एक पखवाड़े में कोंडागांव जिले से जूडे दो तस्करों को पुलिस ने तेदुंए की खाल के साथ पकड़ा जाना बताता है कि बस्तर के जंगलों में वनप्राणी की सुरक्षा भगवान भरोसे है जिसके चलते तेदुंए का शिकार तस्कर आसानी के कर रहे है। पुलिस जरूर तेंदुए की खाल को बरामद करके अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन सवाल यह हेै जंगलों में जानवरों की सुरक्षा करने में वन विभाग के साथ ही प्रशासन क्यो असफल है?
तेंदुए की खाल कहां से लायी गयी, पुलिस भी नही पता लगा पायी है अभी तक
फरसगांव टीआई हरिनंदन ने बताया कि तेंदुए के खाल मामले पर अभी कुछ और गिरफ्तारी होनी है, इसके बाद ही पता लग पायेगा कि तेदुंए की खाल कहां से लाया गया है।