May 1, 2025

जदयू ने भी उत्तरप्रदेश में भाजपा की मुश्किलें बढ़ाई

बिहार में भाजपा का दबाव को कम करने के लिए जदयू ने उत्तरप्रदेश में चुनाव लडऩे की तैयारी की

बिहार में भाजपा और जदयू के बीच सब कुछ ठीक ठाक नही चल रहा है? यह सवाल इसलिए उठने लगा है क्योकि जदयू के वरीष्ठ नेता के सी त्यागी ने कहा कि जदयू एनडीए का हिस्सा है, लेकिन उत्तरप्रदेश में सीट बंटवारे को लेकर बात नही बनी तो 200 सीटो पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। योगी सरकार से ब्राम्हणों की नाराजगी पर उन्होंने कहा कि इस सरकार से समाज में बैचेनी हेै और सबकों अपना हिस्सा चाहिए। किसानों के वोटों से मोदी और योगी की सरकार बनी हैं इसलिए उनके साथ भेदभाव नही होना चाहिए। जिस तरह से जदयू नेता श्री त्यागी ने उत्तरप्रदेश के राजनीति पर बेबाकी से बात कही उससे यह संकेत निकल रहा है कि बिहार की राजनीति में चल रही उठापटक पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए जदयू उत्तरप्रदेश में राजनीति में उतरने की घोषणा कर दी हैं, ताकि भाजपा के दवाब से राहत मिल सके। उल्लेखनीय है कि बंगाल चुनाव हारने के बाद उत्तरप्रदेश की शांत राजनीति में जिस तरह का भूचाल आया, उससे भाजपा आलाकमान पहले ही परेशान है जिसका समाधान अभी तक नही निकल पाया है, वही दूसरी तरफ भाजपा के सहयोगी निषाद पार्टी और अपना दल भी केंद्र व राज्य सरकार में हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं, जबकि भाजपा के सहयोगी ओम प्रकाश राजभर ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से बात करने से मना कर दिया है, ऐसे हालातों में उत्तरप्रदेश में योगी सरकार की वापसी की संभावनाएं भी कम नजर आ रही है क्योकि पंचायत चुनाव में भी भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ा है, इस शानदार मौके का फायदा उठाते हुए जदयू ने भी उत्तरप्रदेश में सीटों की मांग करके भाजपा आलाकमान की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जदयू ने बिहार राजनीति में बढ़ते भाजपा के दबदबे से मुक्ति पाने के लिए उत्तरप्रदेश में चुनाव लडऩे का फैसला लिया है, केंद्रीय मंत्रीमंडल का विस्तार भी होना है, जिसमें अभी तक पर्याप्त सीट नही मिलने के कारण शामिल नही हुई है। उत्तरप्रदेश में जदयू के नया दांव जिस उद्देश्य को पूरा करने के लिए खेला गया है वह सफल होगा?

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