दरभा में रथ निर्माण की लकड़ी का किया था विरोध, अब चपका में लगने वाले स्पंज आयरन का कर रही है विरोध
क्या बस्तर के आदिवासी अपने पर्यावरण के प्रति जागरूक हो गये है? यह सवाल इसलिए महत्वपूर्ण हो गया है क्योकि पूर्व में दरभा क्षेत्र के ग्रामीणों ने दशहरा रथ के लिए लकड़ी काटने से मना किया था और अब चपका में लगाये जाने वाले स्पंज आयरन प्लांट का विरोध कर रहे है, जिसके लगने के बाद क्षेत्र का पर्यावरण प्रदूषित होगा।
सरकार विकास के नाम पर बस्तर के जंगलों को सफाया कर रही है, बढ़ते प्रदुषण के बीच बस्तर के ग्रामीण अब पेड़ व पर्यावरण के प्रति जागरूक होता दिखाई दे रहा है। पूर्व में एतिहासिक दशहरा के रथ निर्माण के लिए दरभा क्षेत्र जहां से वर्षो से रथ बनाने के लिए लकड़ी लायी जाती है वहां के लोगों ने पेड़ों को काटने से मना कर दिया। जिसकी वजह से इस बार दूसरी जगह से लकड़ी लानी पड़ी थी, इस मामले के बाद चपका में स्पंज आयरन के लिए आयोजित जनसुनवाई का भी ग्रामीणों ने विरोध करके स्पष्ट कर दिया कि वह बस्तर के पर्यावरण को बचाने की लड़ाई स्वयं लड़ेगें, क्योकि नेताओं को बस्तर के बिगड़ते पर्यावरण की चिंता नही है। पर्यावरण से जूडे लोगों में इस बात की खुशी है कि ग्रामीणों पर्यावरण के प्रति जागरूक होने लगे है, जिससे उम्मीद जागी है कि बस्तर के जंगल भविष्य में भी सुरक्षित रहे सकते है।