गृहमंत्री अमित शाह ने गुजरात की जगह सिर्फ गांधीनगर और नारदी पुर में कोरोना से नही मरने का संकल्प दिलाया
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गांधी नगर जिले के कलोल विधानसभा में जनसभा को संबोधित करते हुए कोरोना की दूसरी लहर के बारे में कहा कि इसे काबू पर पाना इंसान के बस की बात नही थी। विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक सभाओं की रैलियों पर रोक लगा कर भीड़ जमा नही होने देना इंसान के बस में था, क्या मोदी सरकार ने ऐसा किया। वही बंगाल का चुनाव सात चरणों में करा करके कोरोना के प्रचार प्रसार का पूरा मौका चुनाव आयोग ने दिया जिस पर भी मोदी सरकार लगाम लगा सकती थी। कुंभ मेल का आयोजन भी रोकना इंसान के बस में था लेकिन जब कुंभ में कोरोना फैलने की खबरें सामने आने लगी तब इसे रोकने का प्रयास किया गया। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मरीजों को बेड ऑक्सीजन की कमी से मुक्ति दिलाना व दवाई की व्यवस्था करना इंसान के बस में था तो क्या मोदी सरकार ने यह व्यवस्था की। जब हालात बेकाबू हो गये तो जरूर विदेशों से मदद मांगने पर मजबूर होना पड़ा। गृहमंत्री अमित शाह महामारी के समय दुनिया व भारत ने बहुत कठिन समय देखने की बात कही, इस दौरान हमनें बहुत से रिश्तेदारों को खोना पड़ा है, कोई भी मानवीय प्रयास व्यर्थ साबित होते है जब मानव क्षमता से परे प्राकृतिक आपदा आती है, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जो मोदी सरकार के बस मेें था क्या वह भी पूरा करने का प्रयास किया गया यह ऐसा सवाल है जो लम्बे समय तक पूछा जाता रहेगा। हालात बेकाबू होने पर कोर्ट को हस्ताक्षेप करने का मजबूत होना साबित करता है मोदी सरकार सिर्फ राजनीति करने में व्यस्त थी कोरेाना के दूसरी लहर पर नही, जिसकी वजह से लोगों को लाशों को गंगा में फैंकने के साथ श्मशानों में लाईन लगाने को मजबूर होना पड़ा, मोदी सरकार की कार्यशैली पर दुनिया के मीडिया ने सवाल उठाये, जो स्पष्ट करता है कि कोरोना की दूसरी लहर को काबू करने के लिए मोदी सरकार ने ऐसा कुछ नही किया जिससे यह लग सके कि भारत विश्व गुरू बनने के आउटर में खड़ा है। अमित शाह ने इस रैली में नारदी पुर और गांधीनगर में कोई भी व्यक्ति कोरोना से नही मरने का संकल्प लेते हुए सभी को टीका लगाने की बात कही लेकिन दूसरी तरफ देश के दूसरे राज्य टीका की कमी से जूझ रहे है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अमित शाह को गांधीनगर और नारदीपुर में ही कोरेाना से कोई नही मरेगा का संकल्प की जगह कम से कम गुजरात में कोरोना से कोई नही मरेगा का संकल्प लेना चाहिए था, लेकिन नही लिया, ऐसे मेें देश के अन्य हिस्सों की बात करना बेमानी ही होगी।