कोवैक्सीन खरीदी में गड़बड़ी के चलते ब्राजील सरकार ने सौदा रद्द किया भारत से
कोरोना की दूसरी लहर के बाद भी मोदी सरकार की इमेज खराब होने का सिलसिला जारी है
देश में मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले को देशद्रोही करार दे दिया जाता है, परंतु राफेल सौंदा व कोवैक्सीन घोटाले का जो धुआं उठ रहा है उसकी जांच करा कर यह स्पष्ट करने का प्रयास नही किया गया है कि मोदी सरकार पूरी ईमानदारी के साथ काम कर रही है। वही दूसरी तरफ मोदी सरकार के दौरान राफेल सौंदा और ब्राजील सरकार के द्वारा को वैक्सीन खरीदी मेंं जो गोलमाल के आरोपों पर वहां की सरकार जांच करा रही हैै, कोवैक्सीन का सौंदा ब्राजील सरकार ने रद्द कर दिया गया है, इसके बाद भी विवाद थमने का नाम नही ले रहा है। इस दोनों विवादों से क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इमेज एक ईमानदार शासक के रूप में दुनिया में गयी है? क्योकि देश का गोदी मीडिया मोदी सरकार के चरणवंदन से फुर्सत ही नही मिल पा रही है।
मोदी सरकार आने के बाद देश में भ्रष्टाचार पूरी तरह से खत्म हो गया इसलिए विपक्ष के द्वारा मोदी सरकार पर किसी भी मामले पर सवाल उठने पर देशद्रोही या पाकिस्तान से मिलने का आरोप लगा कर मामले को रफा दफा करने की परंपरा ने जन्म ले लिया, जिसकी वजह से विपक्ष द्वारा राफेल सौदें की जांच की मांग को मोदी सरकार ने खारिज कर दिया था, लेकिन फ्रंास सरकार ने इस सौदे की अनियमितताओं की जांच एक जज से कराने का फैसला करके यह संकेत तो दे ही दिया है कि सौदे में कुछ गड़बड़ है जिसके चलते यह जांच हो रही है, क्योकि ईमानदारी की जांच करने की अभी तक परंपरा विकसित नही हुई है। उसी तरह ही ब्राजील सरकार पर भारत की कोवैक्सीन खरीदी में गोलमाल का आरोप राफेल सौदे की तरह लगने पर ब्राजील सरकार ने कोवैक्सीन खरीदी का सौदा रद्द कर दिया है, इसके बाद भी यह विवाद थमने का नाम नही ले रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मोदी सरकार में राफेल सौदा के गोलमाल की जांच फ्रांस में होना और ब्राजील के द्वारा कोवैक्सीन खरीदी में गोलमाल के चलते सौदा रद्द कर देना यह संकेत दे रहा है कि मोदी सरकार में भी भ्रष्टाचार का खेल पूर्व की सरकारों की तरह फल फूल रहा है। इस घटनाओं से कही ना कही मोदी सरकार की इमेज भी दुनिया में खराब हुई है, कोरोना की दूसरी लहर से ने भी मोदी सरकार की इमेज केा भारी नुक्सान पहुंचाया है। देश में जरूर मोदी सरकार गोदी मीडिया के सहारे विपक्ष को देशद्रोही बता करके अपना उल्लू सीधा करने में सफल है लेकिन विदेशों में भारतीय सौदों की जांच साबित करता है कि दाल में कुछ काला है, जिसे मोदी सरकार देश में छुपाने में सफल हो रही है लेकिन विदेशों में उसे नही छिपा पा रही है।