May 1, 2025

कोरोना की दूसरी लहर ने गुजरात मॉडल की हवा निकाली

मृत्यु प्रमाण पत्र ने ही खोल दी गुजरात सरकार को गोलमाल
उत्तरप्रदेश मेंं मौत का आंकड़ा छिपाने के लिए गंगा में बहाये जा रहे है शव

कोरोना की दूसरी लहर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात मॉडल की हवा निकाल कर रख दी है, सरकारी ऑकड़ों में कोरोना से सिर्फ 4,218 मौतें ही दर्ज की गयी, लेकिन इसी दौरान राज्य के 33 जिलों और 8 महानगर पालिकाओं से कुल 1, 23, 871 मृत्यु प्रमाणपत्र भी जारी हुए हैं। जो साबित करता है कि गुजरात मॉडल को देश व दुनिया में सर्वाश्रेष्ट बताने के लिए गुजरात में कोरेाना से हुई मौतों को छिपाने का हर संभव प्रयास किया गया, इसके बाद भी सरकारें आंकड़े ही इसका खूलासा कर रहे हैं, कि सरकार मरने वाले आंकड़े को दबा रही है। उत्तरप्रदेश की योगी सरकार पर भी कोरोना से मरने वालों के आंकड़ो को छूपाने का आरोप लगाया जा रहा है क्योकि गंगा किनारे लाशों को दफन किया गया है या फिर गंगा में प्रवाहित किया जा रहा है।
कोरोना की दूसरी लहर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात मॉडल की कमर तोड़ दी है, जिसके चलते गुजरात सरकार को कोरेाना की हुई मौत का आंकड़ा छिपाने की जरूरत पड़ गयी। लेकिन कहावत है कि झूठ कभी छिपता नही है, गुजरात सरकार ने जरूर कोरोना से मरने वालों की संख्या 4,218 बताई है लेकिन राज्य के 33 जिलों और 8 महानगर पालिकाओं के द्वारा कुल 1, 23, 871 मृत्यु प्रमाणपत्र जारी होना साबित करता है कि दाल में कुछ काला नही पूरी दाल ही काली है। कोरोना की पहली लहर के दौरान इस समय पर सिर्फ 58 हजार मृत्यु प्रमाण पत्र ही जारी हुई थे, परंतु इस बार यह संख्या दूगुनी से ज्यादा होना साबित करता है कि कोरोना की दूसरी लहर ने गुजरात मॉडल में भी जबरदस्त सेंधमारी की है जिसकी वजह से कोरोना से मौत का आंकड़ा छिपाने की जरूरत पड़ गयी ताकि गुजरात मॉडल की गरिमा देश दुनिया में बनी रहे, लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र से गुजरात मॉडल की हवा निकाल कर रख दी है। उत्तरप्रदेश की योगी सरकार पर भी कोरेाना की मौत को छूपाने का आरोप लग रहा है, क्योकि सरकारी आंकड़े व शमशान में जलती शव कुछ और ही कहानी कह रहे है, इसके बाद गंगा नदी के किनारे शवों का दफन करने के साथ ही शवों को गंगा में बहाने का मामला उजागर होने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि रामराज्य लाने का दावा करने वाली सरकारों को मरने वालों की संख्या छिपाने की जरूरत पड़ गयी है, ताकि जनता के बीच उनकी छवि पर किसी भी प्रकार का कोई असर ना पड़े।

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