गृहमंत्री अमित शाह सार्वजनिक मंच में जी टीवी को अपनी कमेंट्री बंद करके बैठ जाने को कहा
यूपी विधानसभा चुनावों ने गृहमंत्री अमित शाह से गोदी मीडिया से भरोसा उठा दिया है, यह सवाल इसलिए राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है क्योकि एक जनसभा का वीडियों सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है जिसमें गृहमंत्री अमित शाह यह कहते नजर आ रहे है कि जी टीवी अब तुम्हारी कमेंट्री बंद कर दो… बैठ जाओं नीचे, नीचे बैठ जाओं… बैठ जाओं भैया ऐसा कर रहे हूंं। ज्ञात हो कि जी टीवी मोदी सरकार की हर योजना व उनके काम का भरपूर समर्थन करता है। किसान आंदोलन के दौरान भी इस चैनल ने मोदी सरकार का समर्थन करने के लिए किसानों को आंतकवादी तक बताने से गुरेज नही किया था।
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गोदी मीडिया हर संभव कोशिश के बाद भी क्या यूपी चुनाव में भाजपा के हिन्दुत्व के एजेंडा पर काम करने मेंं असफल रही? क्योकि ऐसा पहली बार देश की जनता को देखने को मिल रहा है कि गृहमंत्री अमित शाह गोदी मीडिया के लीडर के तौर पर पहचाने जाने वाले जी टीवी वाले को सार्वजनिक रूप से अपनी कमेंट्री बंद करने के साथ बैठ जाने को कह रहे है। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस वीडियों पर विपक्ष भी निशाना साधने से नही चुक रहा है, यह घटना बताती है कि मोदी के नये भारत में पत्रकारों की क्या हैसियत है, नेता उसे दुत्कार करके बैठने को कहता है। सवाल यह है कि जी टीवी की सार्वजनिक रूप से हुई इस बेइज्जती का सुधीर चौधरी डीएनए कर पायेगें? मोदी सरकार बनने के बाद सार्वजनिक रूप से जी टीवी की किसी नेता नेे बेइज्जत करने के कोशिश की है। जी टीवी को सीएए के खिलाफ हुए शाहीनबाग आंदोलन से दूर रखा गया था, वही किसान आंदोलन ने भी जी टीवी वालों को अपने आंदोलन से दूर ही रखा कर इसे मोदी सरकार का समर्थक चैनल होने का ठप्पा लगाया था। जी टीवी किसान आंदोलन को कमजोर करने के लिए किसानों को आंतकवादी बताने से भी गूरेज नही किया। ज्ञात हो कि यूपी में ही कुछ दिनों पूर्व एक और गोदी मीडिया के पत्रकार के साथ केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा ने भी गाली गालौज किया था, जिसकी भी चर्चा राजनीतिक गलियारों व सोशल मीडिया में जम कर हुई थी, इसके बाद गृहमंत्री अमित शाह ने सभा में जी टीवी को बेइज्जत करके स्पष्ट कर दिया है कि गोदी मीडिया यूपी में भाजपा के एजेंडा को सेट कर पाने में जमीनी स्तर पर कामयाब नही हो सका है, जिसके चलते मोदी सरकार के मंत्रियों में नाराजगी है, जो दवाब के चलते सामने आने लगी है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि गोदी मीडिया का जादू अब खत्म हो गया है, जनता को उनकी खबरों से विश्वास खत्म हो गया है, इस बात का एहसास अब गृहमंत्री अमित शाह को भी हो गया है इसलिए सार्वजनिक रूप से जी टीवी वाले की बेइज्जती करने से गूरेज नही किया। उनका यह कथन कि अपनी कमेंट्री बंद करों साबित करता है कि जी टीवी हर संभव कोशिश के बाद भी यूपी के चुनाव का ध्रुवीकरण नही कर पाया है। गोदी मीडिया में सपा नेता अखिलेश यादव भी ईमानदार पत्रकारों की सूची बनाने की बात कह करके निशाना साध रहे है।