May 1, 2025

कांग्रेस कम्युनिष्ट गठबंधन, असम सत्ता वापसी की सबसे बड़ा बाधक

सीएए, कृषि बिल, मंहगाई और निजीकरण की भी बने बाधक

अमस में भाजपा को कांग्रेस और कम्युनिष्ट का गठबंधन परेशानी पैदा कर रहा है , जिसकों देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा नेता असम की सभाओं में जनता को यह बताना नही भूलते है कि कम्युनिष्ट बंगाल व असम में जिस कांग्रेस के साथ मिल कर लड़ रहे है वह केरल में एक दूसर के विरोधी है।

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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी असम में कांग्रेस व कम्युनिष्ट के गठबंधन पर सवाल उठते हुए कहा कि कांग्रेसी नेताओं शर्म नही आती कि केरल में जिसके खिलाफ लड़ रहे है वही बंगाल व असम में गठबंधन से चुनाव लड़ रहे है। बंगाल में भाजपा को कांग्रेस व कम्युनिष्ट गठबंधन से ज्यादा तकलीफ नही है लेकिन असम में भाजपा की सत्ता वापसी में यह गठबंधन ही सबसे बड़ी बाधक बन गया है इसलिए वह इस गठबंधन को कटघरे में खड़ा कर रहे है। भाजपा नेता सीएए के बारे स्पष्ट नही कर रहे है कि वह सीएए का विरोध करने वाले अन्नाद्रमुक के साथ तमिलनाडू में गठबंधन के साथ चुनाव क्यो लड़ रहे है। क्या यह भाजपा का दोहरा चरित्र नही दिखा रहा है, कि अपने कोर मुद्दे को लेकर भी समझौता करने को मजबूर है। असम में कांग्रेस कम्युनष्टि गठबंधन ने भाजपा की सत्ता वापसी की उम्मीदों पर पानी फेरती दिखाई दे रही है। बगंाल के चुनावी घोषणा पत्र में जिस तरह से सीएए को पहली बैठक में लागू करने की बात कही गयी है, उसी तरह ही भाजपा असम के घोषणा पत्र में सीएए को लागू करने की बात कहेगी क्योकि अगर ऐसा नही हुआ तो भाजपा की मुश्किलें और बढ़ जायेगी। महंगाई व किसान आंदोलन के साथ ही निजीकरण के चलते पहले ही मोदी सरकार मुश्किलों में होने के कारण विधानसभा चुनाव में असम में सत्ता वापसी की संभावनाएं भी धूमिल होती जा रही है।

 

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