May 1, 2025

एक बार फिर राहुल भट्ट की हत्या का एक पक्ष ही देखा अनुमप खेर को

हिन्दुत्व की राजनीति करने वाली मोदी सरकार में घाटी में क्या हिन्दुओं की हत्या हो रही हे यह सवाल नही किया

द कश्मीर फाइल्स के अभिनेता अनुपम खेर को अपनी 90 के दशक में हिन्दुओं के अत्याचार की सही घटनाओं पर आधारित फिल्म को सही बताने के लिए विगत दिनों उग्रवादियों के द्वारा राहुल भट्ट नाम के कश्मीरी हिंदू की हत्या का सहारा लेकर उन लोगों पर निशाना साधा जो सिंगापुर में द कश्मीर फाइल्स को बैन होने पर फिल्म की सत्यता के साथ ही मोदी सरकार को घेर रहे थे। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अनुमप खेर ने एक बार फिर उग्रवादियों के द्वारा राहुल भट्ट की हत्या का एक पक्ष का उल्लेख करते हुए कश्मीर में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार को सही बताने का प्रयास किया लेकिन देश की जनता को यह नही बताया कि आठ सालों से मोदी सरकार होने के साथ ही आंतकवाद खत्म करने के लिए कश्मीर में धारा 370 को खत्म करने के बाद भी हिन्दुओं पर अत्याचार क्यों नही रोक पा रही है, पूर्व की सरकारों की तरह ही हिन्दुओं पर अत्याचार क्यो हो रहे है, 90 के दशक में जब हिन्दुओं घाटी छोडऩे का मजबूर हुए थे उस वक्त भी केंद्र में भाजपा समर्थित वीपीसिंह की सरकार थी। ज्ञात हो कि साल के शुरूआत में उग्रवादियों ने घाटी में रहने वाले हिन्दुओं को निशाना बताया था जिसके चलते बड़ी संख्या में एक बार फिर हिन्दू घाटी छोडऩे को मजबूर हुए थे।

धारा 370 को हटाने के बाद क्यों हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहा है यह सवाल अनुपम खेर ने क्यो नही पूछा

द कश्मीर फाइल्स के सिंगापुर में बैन हो जाने के बाद मोदी सरकार पर सवाल उठने लगे थे, क्योकि द कश्मीर फाइल्स का प्रचार प्रसार करने में भाजपाईयों ने कोई कोर कसर नही छोड़ी थी। ऐसे वक्त पर घार्टी में उग्रवादियों ने कश्मीर पंडित राहुल भट्ट की हत्या कर दी। एक मौके का फायदा उठाते हुए अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि उग्रवादियों ने राहुल भट्ट नाम के कश्मीरी हिंदू को मार दिया… जेहादियों ने आज ….. अब वो लोग क्या बोलेंगे जो 2-3 दिन से बोल रहे थे कि फिल्म देश में बैन हो गई हैं… कितना बड़ा झूठ था जिन्होंने इस फिल्म को प्रोपागैंडा नाम से इस्तेमाल किया या मौजूदाा सरकार के इसकी तारीफ की .. वो क्या कहेंगे। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अनुपम खेर ने राहुल भट्टा की हत्या का द कश्मीर फाइल्स की तरह अपना लाभ वाला पक्ष ही देखा लेकिन यह सवाल करने का साहस नही किया कि हिन्दुत्व की राजनीति करने वाली मोदी सरकार कश्मीर में हिन्दुओं पर अत्याचार क्यों नही रोक पा रही है, जबकि कश्मीर में धारा 370 को भी इस विश्वास के साथ हटाया गया था कि इससे आंतकवाद कम होगा। गौरतलब है कि द कश्मीर फाइल्स के रिलीज होने के पहले भी मोदी सरकार में घाटी में हिन्दुओं पर सुनियोजित हमले हो चुके थे, जिसके चलते हिन्दुओं को घाटी छोडऩे को मजबूर होना पड़ा, जबकि आठ सालों से केंद्र में मोदी सरकार है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि 90 के दशक में जब उग्रवादियों ने हिन्दुओं पर अत्याचार किये थे उस वक्त भी केंद्र में भाजपा समर्थित वीपी सिंह की सरकार थी लेकिन द कश्मीर फाइल्स में हिन्दुओं पर अत्याचार के लिए भाजपा को जिम्मेदार नही बताया गया, ठीक राहुल भट्ट की हत्या की तरह जबकि राहुल भट्ट की हत्या के लिए मोदी सरकार कही ना कही जिम्मेदार है, क्योकि हिन्दुत्व की राजनीति करने वाले मोदी सरकार घाटी में हिन्दुओं को सुरक्षा नही दे पा रही है तो फिर कश्मीर पंडितों की वापसी कैसे करा पायेगी?

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