April 30, 2025

फर्जी ट्वीट के सहारे ग्लोबल लीडर बनाने का प्रयास हुआ धराशायी

योगी आदित्यनाथ दंगा रोकने की ताकत रखते है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर हिंसा रोकने की जिम्मेदारी क्यों नही दी?

योगी आदित्यनाथ के ऑफिस ने सोशल मीडिया में वायरल हो रहे फ्रांस में दंगा रोकने के लिए भारत के योगी आदित्यनाथ को फ्रांस भेज देने वाले ट्वीट की सत्यता का पता लगाये बगैर ही यह कहतेे हुए रिट्वीट किया कि दुनिया को योगी मॉडल की जरूरत है, वह भी उस वक्त जब देश के पूर्वाेत्तर के मणिपुर में दो महीने से दंगा चल रहा है, जिसे मोदी सरकार अभी तक नही रोक पाई है, और ना ही मोदी सरकार ने दंगा रोकने की जिम्मेदारीे अभी तक योगी आदित्यनाथ को दी है, जो बताता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को योगी आदित्यनाथ पर विश्वास नही है कि वह दंगा रोक देगें। जर्मन प्रोफेसर एन जॉल कैन के फ्रांस में दंगा रोकने वाले फर्जी ट्वीट को जिस तरह से योगी आदित्यनाथ के ऑफिस वालों ने रिट्वीट किया, वह बताता है कि अधिकारीगण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद योगी आदित्यनाथ को ग्लोबल लीडर बनाने में जूट गये है।
मोदी सरकार आने के बाद भारतीय नेताओं को वैश्विक लीडर बनने की एक ललक से पैदा हो गई है, जिसकों अंजाम देनेे के लिए अधिकारीगण दिनरात पसीन बहा रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरा के दौरान देश की जनता को यह बताने का प्रयास किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे ताकतवर नेता बन गये है। इसी कड़ी में योगी आदित्यनाथ के ऑफिस वालों ने योगी आदित्यनाथ का नाम भी शामिल हो गया है, क्योकि योगी आदित्यनाथ के ऑफिस से एक ऐसे ट्वीट को रिट्वीट किया गया है जो फर्जी निकला। क्या योगी आदित्यनाथ के अधिकारियों ने बगैर सत्यता का पता लगाये है कि रिट्वीट कर दिया? क्या रामराज्य में भी सत्यता का पता लगाये बगैर ही काम किया जाता था। एन जॉन कैम नाम के एक विदेश प्रोफेसर का ट्वीट वायरल होता है, जिसमें फ्रांस में दंगा की स्थिति को काबू में करने के लिए भारत को योगी आदित्यनाथ को जरूर भेज देना चाहिए और वह 24 घंटे के अंदर इस पर काबू भी कर लेंगे। इसी ट्वीट को योगी आदित्यनाथ के ऑफिस ने यह कहते हुए रिट्वीट करने में देरी नही की कि जहां भी उपद्रव की स्थिति है वहां लोग कानून-व्यवस्था के येागी मॉडल की ओर आशा भरी नजरों से देखने लगे है। इस ट्वीटर एकांउट पर ही सवाल उठने के साथ ही रोडिण फ्रांसिस ने इस एकाउंट का भंडाफोड़ करते हुए बताया कि यह एकाउंट नरेंद्र विक्रमादित्य का है जिस पर धोखाधड़ी के आरोप में भारत में गिरफ्तार भी किया जा चुका है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को योगी आदित्यनाथ पर दंगा रोकने का भरोसा नही है अन्यथा उन्हें मणिपुर में दंगा रोकने की जिम्मेदारी कब का दे चुके होते, क्योकि मणिपुर में जारी हिस्सा के चलते मोदी सरकार की इमेज को भी नुक्सान हो रहा है।

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