पिछले पांच सालों में दुनिया में हिन्दुओं पर 1000 प्रतिशत हमले में वृद्धि हुई
मोदी सरकार आने के बाद जिस तरह से इस्लामोफोबिया की जड़ो को मजबूती मिली है, क्या उसी तरह ही दुनिया में हिन्दूफोबिया का भी विस्तार होने के चलते पूरी दुनिया में हिन्दुओं पर होने वाले हमले में एक हजार प्रतिशत की वृद्धि आई है। क्या यह क्रिया की प्रतिक्रिया है या कोई और मामला है? मोदी सरकार के नेताओं की इसकी समीक्षा करनी चाहिए, क्योकि अपनी राजनीति चमकाने के लिए दुनिया के हिन्दुओं को खतरे में तो नही डाल रहे है।
अमेरिकी संस्था नेटवर्क कंटेजियन रिसर्च इंस्टीट्यूट ने अपने शोध में खुलासा किया है कि पिछले पांच सालों में हिंदुओं के खिलाफ नफरत और हिंसा के मामले में रिकॉर्ड 1000 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है, अमेरिकी संस्था के सह-संस्थापक जोएल फिंकेलस्टाइन का कहना है कि अमेरिका , कनाडा ऑस्टेलिया जैसे बड़े देशों में हिन्दुओं पर हिंसा बढ़ी है, हिंदू विरोधी मीम्स,नफरत और हिंसक एजेंडा बनाया जा रहा है, हमलों और नफरत का माहौल बनाने में श्वेत वर्चस्ववादी और कट्टरपंथी इस्लामिक लोगों का हाथ है। वही एफबीआई की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में 2020 में भारतवंशी अमेरिकियों पर 500 फीसदी हमले बढ़े है, जिसमें ज्यादातर हिन्दू धर्मावलंबी है। देश में ताकतवर मोदी सरकार के होते हुए दुनिया के हिन्दुओं पर हमले होना निश्चित ही चिंता की बात है। लेकिन सवाल यह है कि देश में मोदी सरकार आने के बाद इस्लामोफोबिया का आरोप लगाया जाता रहा है। क्या इसी इस्लामोफोबिया के चलते ही दुनिया में हिन्दूफोबिया का विस्तार होने से हिन्दुओं पर हमले में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है? यह ऐसा सवाल है जिसकी समीक्षा मोदी सरकार को करनी चाहिए कि क्योकि सत्ता के लिए देश में हिन्दू मुस्लिम राजनीति के चलते ऐसा तो नही हो रहा है कि दुनिया के अन्य हिस्सों में रहने वाले हिन्दुओं पर हमले में तेजी आई हो, क्योकि भाजपा क्रिया की प्रतिक्रिया की बात कहती रहती है, क्या देश के इस्लामोफोबिया के चलते दुनिया में हिन्दूफोविया का विस्तार तो नही हो रहा है। आरएसएस को भी इस मामले पर सामने आकर दुनिया में बढ़ते हिन्दूफोबिया के कारणों का पता लगा कर उन कारणों को खत्म करने का प्रयास करना चाहिए।