मजबूत सरकार रहस्यमय ड्रोन से नही निपट पा रही
आंतकवादी जमीन ही नही आकाश में भी सेंधमारी कर रहे है मोदी सरकार में
मोदी सरकार के विश्व गुरू बनने की आऊटर में खड़ा भारत इन दिनों जम्मू कश्मीर में आंतकवादी ड्रोन से परेशान है। कई दिन गुजर जाने के बाद भी मोदी सरकार इस समस्या का समाधान नही खोज पायी है, जिसके चलते यह सवाल गहराने लगा है कमजोर देश कैसे विश्व गुरू बन सकता है। विगत चार दिनों में क्षेत्र में 10 बार रहस्यमय ड्रोन को देखा जा चुका है। जिसके चलते जम्मू एयरबेस में सुरक्षा एजेंसियों ने जैमर्स और एंटी ड्रोन सिस्टम लगाया है, इसके बाद भी अभी तक सुरक्षा बलों ने एक भी ड्रोन का मार गिराने में सफल नही हो सके है। वही दूसरी तरफ बस्तर में नक्सलियों ने विगत दिनों सरकारी ड्रोन का गिराने का दावा किया था। सवाल यह है कि दुश्मनों को उसी भी भाषा में जवाब देने वाली मोदी सरकार रहस्यमय ड्रोन के मामले पर पूरी तरह से बैकफुट में खेलती दिखाई दे रही है, क्या मोदी सरकार ने अपने सात साल के कार्यकाल में ड्रोन से निपटने की कोई तकनीक विकसित नही की, क्योकि इसके लिए मोदी सरकार नेहरू को जिम्मेदार नही बता सकते है क्योकि उस वक्त ड्रोन नही था। देश सुरक्षित हाथों में होने के बाद भी आंतकवादी लगातार चार दिनों से रहस्यमय ड्रोन को जम्मू कश्मीर की सीमा पर उड़ा कर कही ना कही मोदी सरकार की सुरक्षा तंत्र की पोल भी खोल रहे है कि देश सुरक्षित हाथों में नही है। वह पुलवामा की तरह कभी भी भारतीय सुरक्षा तंत्र को भेद सकते है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जिस तरह से मोदी सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी की आपूर्ति के लिए दूसरे देशों से मदद मांगी थी उसी तरह ही रहस्यड्रोन की समस्या से निपटने के लिए विदेशों से मदद मॉगनी चाहिए, क्योकि किसान आंदोलन की तरह ही ड्रोन भी मोदी सरकार की रात की नींद उड़ा दी है।