गुजरात ड्रग्स मामले पर एनसीबी कब होगी सक्रिय
मुद्रा बंदरगाह के बाद द्वारका जिले में पकड़ी गयी 350 करोड़ की ड्रग्स
गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह में 9 हजार करोड़ की हेरोइन पकड़े जानेके बाद एक बार फिर गुजरात के ही द्वारका जिले में करीब 350 करोड़ की ड्रग्स पकड़ जाने के मामले पर एनसीपी नेता नवाब मलिक सक्रिय हो गये है उन्होंने गुजरात में पकड़ी गयी बड़े पैमान पर ड्रग्स मामले की निष्पक्ष जांच एनसीबी और एनआईए से कराने की मांग करते हुए कहा कि मुंबई में कम मात्रा में ड्रग्स पकड़े जाने पर बॉलीवुड की हस्तियों की परेड़ करा दी जाती है, जबकि गुजरात में एक बार फिर 350 करोड़ रूपए की ड्रग्स बरामत हुई है, जिसे समुद्री रास्ते से लाया जा रहा है क्या? इसकी जांच निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
क्रूज मामले पर आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह में 9 हजार करोड़ की हेरोइन पकड़ी गयी लेकिन एनसीबी ने इस मामले पर आर्यर खान की तरह सक्रियता नही दिखाई, जिसकी वजह से ड्रग्स के कारोबारियों का पता नही चला। जिसके चलते ही निश्चित ड्रग्स कारोबार की दूसरी खेप गुजरात के द्वारका जिले में फिर पकड़ी गयी जिसकी की 350 करोड़ बतायी जा रही है। जिसके बाद से एक बार फिर राजनीति गर्माने लगी है। नवाब मलिक जो आर्यन खान के मामले पर एनसीबी की कार्यशैली पर खूलकर सवाल उठा रहे थे एक बार फिर गुजरात मेें बड़े पैमाने पर पकड़े जा ड्रग्स मामले पर मोदी सरकार को निशाना साधते हुए कहा कि बॉलीवुड को बदनाम करने के लिए कम मात्रा में ड्रग्स पकड़ी जाने के बाद भी बॉलीवुड हस्तियों को परेड़ कर दी जाती है लेकिन गुजरात में बड़ी मात्रा में ड्रग्स पकड़े जाने के बाद भी एनसीबी और एनआईए से निष्पक्ष जांच नही करायी जा रही है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि गुजरात में बड़े पैमाने पर ड्रग्स पकड़े जाने के बाद भी मोदी सरकार वैसी सक्रियता नही दिखाई जैसे गंभीरता रिया चक्रवती और आर्यन खान ड्रग्स मामले पर दिखाई दी। जिससे स्पष्ट होता है कि मोदी सरकार की ड्रग्स की लड़ाई में दोहरा मापदंड अपना रहे है। इसे में किस तरह से देश में ड्रग्स तस्करी पर लगाम लग पायेगा।