बलिराम कश्यप के कद को किया गया कम
कांगे्रस पर देश का बंटवारा करने का आरोप भाजपाई लगाते रहे है अब उसी कड़ी में बस्तर मेडिकल कॉलेज का बंटवारा भी शामिल हो गया है। अभी तक डिमरापाल स्थित मेडिकल कॉलेज को बलिराम कश्यप मेडिकल कॉलेज के तौर पर ही जाना जाता रहा है, कांग्रेस सरकार ने इस मेडिकल कॉलेज के अस्पताल वाले हिस्से का नामकरण शहीद महेंद्र कर्मा स्मृति चिकित्सालय करके मेडिकल कॉलेज को दो भागो में बॉट दिया है। जिस पर निश्चित ही आने वाली दिनों में राजनीति भी होगी लेकिन सवाल यह है कि कांग्रेस सरकार को मेडिकल कॉलेज में दो भागों में बॉटने की जरूरत क्यो पड़ गयी। स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहत्तर बनाने के लिए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है उसका नाम शहीद महेंद्र कर्मा के नाम पर रखकर विवाद से बच सकती थी लेकिन ऐसा ना करके राज्य सराकर ने बलिराम कश्यप मेडिकल कॉलेज को ही दो भागों में विभाजित करकेे बस्तर की राजनीति में सबसे चर्चित नेता का कद कम करने की कोशिश की है यह परंपरा निश्चित ही आगे भी जारी रहेगी। गौरतलब है कि राज्य सरकार के द्वारा किये गये इस बंटवारे से कांग्रेसी भी खुश नही है जिस तरह से भाजपाई भी महेंद्र कर्मा का सम्मान करते है, उसी तरह ही कांग्रेसी नेता भी बलिराम कश्यप का सम्मान करते है, सरकार के इस फैसले का खूल कर विरोध नही कर पा रहे है। मेडिकल कॉलेज को दो हिस्से में बॉटने से सीधे सीधे बलिराम कश्यप का कद कम करने के तौर पर देखा जा रहा है। बस्तर के नेता मेडिकल कॉलेज की स्वास्थ्य सुविधाओं को रायपुर मेडिकल कॉलेज की तरह बेहत्तर बनाने की जगह रायपुर मेडिकल कॉलेज के तर्ज पर बंटवारा करके कही ना कही कांग्रेस ने बलिराम कश्यप के कद को कम करने की जो राजनीति दाव खेला है वह निश्चित ही कांग्रेस के लिए उलटा पड़ सकता है।