May 1, 2025

कांग्रेसियों ने भाजपा को जीताया

राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी क्रांस वोटिंग पर नही लगा सकी लगाम, कांग्रेस की रणनीति पर उठने लगे सवाल

निकाय उपचुनाव में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सफलता तो मिली, लेकिन इस जीत पर बैकुंठपुर नगरपालिक के अध्यक्ष पद के चुनाव मेंं क्रांस वोटिंग करके कांग्रेसियों ने भाजपा का अध्यक्ष बना कर संगठन की रणनीति पर पानी फेर दिया। बैकुंठपुर में कांग्रेस ने 11 और भाजपा ने सात सीट जीती थी, दो निर्दलीय पार्षद भी चुनाव जीते थे। बहुमत के बाद भी कांग्रेस गुटबांजी के चलते भाजपा की सरकार बन जाना स्पष्ट करता हेै कि कांग्रेसी कांग्रेस  को हराने के लिए भाजपा के साथ मिलने में देरी नही करते है। कांग्रेस ने इस बेइज्जती से निजाद पाने के लिए जरूर दो पार्षद सहित चार लोगों को निष्कासित कर दिया, लेकिन बैकुंठपुर में सरकार बनाने की जिम्मेदारी जिन कंधो पर संगठन ने सौपी थी उस पर अभी तक कार्यवाही नही हुई है। जबकि अहम जिम्मेदारी उसकी भी ही बनती है।
निकाय उपचुनाव की सफलता के बाद कांग्रेसी हवा में उड़ रहे थे कि भाजपा का सुपड़ा साफ कर दिया लेकिन बैकुंठपुर में भाजपा ने कांग्रेस का बहुमत होने के बाद भी अपना पालिका अध्यक्ष बना कर कांग्रेस के होश उड़ा दिये। कांग्रेस नेता आफताब अहमद ने अपनी पत्नि मुशर्रत जहां के लिए निगम अध्यक्ष के लिए लाबिंग कर रहे थे, लेकिन संगठन इसके लिए राजी ना होकर साधना जायसवाल को अध्यक्ष पद का प्रत्याशी के तौर पर उतारा। भाजपा की तरफ से नविता शिवहरे मैदान में थी। कांग्रेस के अंदर अध्यक्ष पद के लिए खीचंतान का फायदा वोटिंग में मिला और दोनों को 10 -10 वोट मिले। किस्मत भाजपा के साथ थी क्योकि सात वोट, दस वोट में बदल गये थे तो सिक्का कैसे धोखा देता। सिक्का को भी संभवत: कांग्र्रेस की गुटबांजी पसंद नही आयी और भाजपा के पक्ष में गिरा। इस अप्रत्याशित हार के बाद कांग्रेस ने जिला कांग्रेस अध्यक्ष नजीर ने बागी पार्षद मुशर्रत जहां, और अहमदुल्ला फिरोज के अलावा आफताब अहमद और रियाज अहमद को पार्टी से निष्कासित कर दिया। राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी बैकुंठपुर नगरपालिका में बहुमत के बाद भी कांग्रेस अपना अध्यक्ष नही बनना कही ना कही प्रदेश सरकार पर भी सवाल खड़े कर रहा है।

क्रांस वोटिंग से छिना उपाध्यक्ष का पद कांग्रेस से

बैकुंठपुर के अलावा शिवपुर चरचा नगर पालिका में भी कांग्रेसियों ने क्रांस वोटिंग करके भाजपा का उपाध्यक्ष बनाने में सफल रहे। अध्यक्ष पद पर कांग्रेस की श्रीमती लालमूनि यादव निर्वाचित हुई लेकिन उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस की रेशमा परवीन भाजपा प्रत्याशी राजेश सिंह से हार गयी। यहां भी कांग्रेस को 15 में से आठ सीट जीती थी, इसके बाद भी उपाध्यक्ष अपना नही बना पायी।

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