मोदी सरकार कांग्रेस के मजबूत करने वाले भाजपाईयों पर करेगी बड़ी कार्यवाही
डबल इंजन सरकार के होते हुए हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस भाजपा को टक्कर देने में कैसे सफल हो गई, यह ऐसा सवाल है जो भाजपाईयों समझ में नही आ रहा है, क्योकि भाजपाई देश से कांग्र्रेस का सफाया करने में लगे हे ऐसे में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का मजबूत होने से भाजपा का कांग्रेस सफाया मिशन प्रभावित हो सकता है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मोदी सरकार को इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए कि डबल इंजन सरकार के होते हुए हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस कैसे मजबूत हो गई इसके लिए कौन दोषी है? क्योकि समय रहते ऐसे तत्वों का मोदी सरकार सफाया नही कर पायेगी तो आने वाले लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस भाजपा के लिए परेशानी पैदा कर सकती है।
कांग्रेस मुक्त भारत के मिशन को भाजपाई ही फेल करने में लगे है
हिमाचल प्रदेश में डबल इंजन सरकार होने के बाद भी कांग्रेस टक्कर की बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के द्वारा कहा जाना साबित करता है कि हिमाचल प्रदेश में भाजपाई को भी इस बात की आशंका है कि सरकार बनाने में परेशानी आ सकती है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कहना है कि हिमालच विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस ें के बीच कड़ा मुकाबला है ऐसे में मै न तो यह कह सकता हूं कि हम एक तरह से यह चुनाव जीत रहे है और न ही कांग्रेस ऐसा कह सकती हैं। एक बात तय है कि इस चुनाव में कांग्रेस के बड़े नेताओं की हार होने वाली है। जब भाजपा के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ही मान रहे है कि हिमाचल में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है तो संदेश दे रहा है कि डबल इंजन सरकार होने के बाद भी हिमाचल प्रदेश की जनता को कांगे्रस सरकार की यादें खत्म कर पाने में सफल नही हो सकी है जिसके चलते विधानसभा चुनाव एकतरफा ना होकर एक कडृे मुकाबले में तब्दिल हो गया है। हिमाचल प्रदेश में बड़ी संख्या में भाजपा के बागी चुनावी मैदान में उतर जाने से भाजपा की सत्ता वापसी की राह मुश्किलें हो गई है। गुजरात में भी हिमाचल प्रदेश की तरह ही बड़ी संख्या में बागी उम्मीदवार भाजपा की नैय्या डूबोने में लगे हुए है। क्या गुजरात में भी हिमाचल प्रदेश की तरह ही एक कडृा मुकाबला हुआ तो निश्चित ही गुजरात मॉडल पर सवाल गहराने लगेगा?