गोवा के कांग्रेसी नेता भगवान से मंजूरी मिलने के बाद भाजपा में शामिल हुए
विधानसभा और लोकसभा चुनाव हारना कांग्रेस पार्टी के लिए कोई बड़ी समस्या नही है, लेकिन इन चुनावों में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतने वालों नेताओं का भाजपा में शामिल होना एक बड़ी समस्या बन गयी हे, कांग्र्रेस पिछले दो विधानसभा चुनाव से इसी समस्या से जूझ रही है, आज कांग्र्रेस के 11 विधायकों में से आठ ने भाजपा में शामिल हो गये, जिससे जनता के बीच एक बार फिर यह संदेश जा रहा है कि जनता को कांग्रेस को जीताती है, लेकिन कांग्रेसी चुनाव जीतने के बाद भाजपा के गोद में बैठ कर कही ना कही जनता को अप्रत्यक्ष रूप से बेवकूफ बना रहे है। जो कांग्रे्रस पार्टी को हार से ज्यादा नुक्सान पहुुंचा रहा है।
देश में रामराज्य दस्तक देने लगा है, कांग्रेसी नेता भगवान से बात करने लगे है, जल्द ही आम जनता को भी यह सौभाग्य मिलेगा
गोवा के कांग्रेसी नेताओं ने मंदिरों, गिरजाघरों और मस्जिदों में वफादारी की शपथ ली थी कि वे मतदाताओं और पार्टी नेतृ़त्व को विश्वास दिलाते है कि स्विच नही करेंगें, लेकिन सात महीनों के बाद कांग्रेसी नेताओं ने इस शपथ का तोड़ खोज निकाला। दलबदल का नेतृत्व करने वाले दिगंबर कामत ने बताया कि भाजपा में शामिल होने से पूर्व उन्होंने भगवान से अनुमति ली थी और भगवान से सहमत मिलने के बाद ही भाजपा में शामिल हुए। भगवान से अपनी सहमति का संदेश किस तरह से दिया इसका उल्लेख उन्होंने नही किया। गोवा में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने से राज्य की राजनीति में कोई परिवर्तन नही होने वाला है। लेकिन इस बदबदल का असर आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की परेशानी बढ़ा सकता है, क्योकि कांग्रेसी नेता मंदिर मस्जिदों और गिरजाघरों में वफादारी की शपथ लेेने के बाद भी भगवान के कहने पर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो जाते है, तो जनता ऐसे कांग्रेसियों को वोट देकर क्यो अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा का सहयोग करें।
कर्नाटक और मध्यप्रदेश में जनता ने भाजपा को सत्ता से दूर करने के बाद भी कांग्रेसियों ने भाजपा की सरकार बनवाकर कही ना कही जनता को बेवकूफ ही बनाया है वही गोवा मेें भी कांग्रेस के विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए, जिसके चलते इस विधानसभा चुनाव में गोवा के कांग्रेसी नेताओं को मंदिरों मस्जिदों व गिरजाघरों में मतदाताओं और पार्टी नेतृत्व विश्वास दिलाया गया था कि वह स्विच नही करेगें लेकिन कांग्रेसियों ने इसका भी तोड़ भगवान से बातचीत करके निकाल कर देश की जनता को संदेश दिया कि रामराज्य आने वाला है। जिस तरह से कांग्रेसी नेता भाजपा मेें शामिल होने के लिए भगवान से बातचीत करके रास्ता निकाला उसी तरह देश की जनता भी आने वाले दिनों में भगवान से बातचीत करके अपनी समस्याओं का निराकरण कर लेगी। लेकिन कांग्रेस पार्टी इस दलदल से कैसे निकलेगी क्योकि कांग्रेेस को चुनावों में मिल रही हार से जितना नुक्सान नही हो रहा है उससे ज्यादा नुक्सान कांग्रेसी विधायकों का पाला बदलने से हो रहा है, क्योकि जनता की नजर में कांग्रेसी विधायक्र, भाजपा की बी टीम की तरह काम कर रहे है। राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे है वही दूसरे तरफ कांग्रेसी विधायकों को भगवान भाजपा में शामिल होने की अनुमति दे रही है, ऐसे में भारत जोड़ो यात्रा से कैसे कांग्रेस मजबूत हो पायेगी?