प्रधानमंत्री मोदी अपने करीबी सीएम को बदल कर विरोधियों को हावी होने नही देगें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाह करके भी उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सीएम की कुर्सी से नही हटा सके, क्या कर्नाटक में येदियुरप्पा विरोधी गुट क्या प्रधानमंत्री के करीबी येदियुरप्पा को सीएम की कुर्सी से हटा पाने में सफल होगें? यह ऐसा सवाल है जो भाजपा के अंदर खानों के साथ ही आम जनता के बीच भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
उत्तरप्रदेश की राजनीतिक सियासत के बाद कर्नाटक में भी भाजपा के अंदर घमासान मचा हुआ है। पार्टी के नेता वर्तमान मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को हटाने की हर संभव कोशिश कर रहे है, इसमें कितनी सफलता मिलती हेै यह तो आने वाले समय में ही पता लगेगा लेकिन बंगाल चुनाव में पराजित होने के बाद से भाजपा के अंदर ही घमासान मचा हुआ है। ऐसा विगत सात सालों में कभी भी नही हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हुक्म ही भाजपा नेता कानून मानते थे। सवाल यह है क्या कर्नाटक में विरोधी गुट प्रधानमंत्री के करीबी येदियुरप्पा को कुर्सी से हटाने में कामयाब हो पायेगा? राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ऐसा संभव नही है, क्योकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तरप्रदेश में योगी को हटा पाने में असफल हो गये है ऐसे हालातों में वह कैसे चाहेगें कि उनके करीबी मुख्यमंत्री को कुर्सी से हटा कर देश व राज्य की जनता को यह संदेश दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पकड़ पार्टी के अंदर भी कमजोर हो गयी है और विरोधी गुट हावी होता जा रहा है। इसलिए कर्नाटक में येदियुरप्पा को सीएम से बदलने की प्रयास भी योगी आदित्यनाथ की तरह ही असफल हो जायेगा, लेकिन इस पूरे प्रकरण से यह तो स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाजपा के अंदर ही पकड़ कमजोर हो गयी है। बंगाल की तरह जरूर पार्टी बदलने का खेल नही हो रहा है लेकिन प्रधानमंत्री के फैसले पर सवाल तो उठने लगे है।