कपड़े से पहचानने के बाद, चुनाव चिन्ह से पार्टी को पहचानने का प्रयास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह साईकिल को आंतकवादी धमाकें से जोड़ कर एक नयी राजनीति की शुरूआत करने की कोशिश की है, कि जिस तरह से कपड़ों को देख कर पहचाना जा सकता है उसी तरह ही अब राजनीतिक पार्टियों की कार्यशैली को उनके चुनाव चिन्ह से पहचाना जा सकता है। प्रधानमंत्री ने उनके मुख्यमंत्री काल में गुजरात में हुए धमाके के संंबंध में कहा कि समाजवादी पार्टी का जो चुनाव चिन्ह है न, शुरू के सारे धमाके साइकिल पर हुए, अब देखिए साइकिल में बम रखे हुए थे, जहां लोग सब्जी खरीदने आते हैं, वहां साइकिलों में बम फटे, मैं हैरान हूं कि साइकल पर बस धमाका क्यों किया? प्रधानमंत्री ने यह नही बताया कि उनकी मजबूत शासन व्यवस्था में कैसे आंतकवादियों ने गुजरात में धमाका करने में कामयाब हो गये थे। राज्य सरकार का खुफिया तंत्र क्या कर रहा था।
भाजपा नेताओं के भाषणों का स्तर बता रहा है कि यूपी हार रहे है
यूपी चुनाव का रूझान चुनाव परिणाम से पहले ही सामने आने लगा है, जिस तरह से भाजपा नेताओं के भाषाओं का स्तर गिरता जा रहा है वह स्पष्ट कर रहा है कि भाजपा यूपी में भाजपा की विदाई तय हो गयी है, जिसके वजह से भाजपा नेताओं की भाष शैली भी बदलती जा रही है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरदोई में जनसभा को संबोधित करते हुए एक नयी परंपरा की नीव स्वतंत्र भारत में रखते हुए सपा के चुनाव चिन्ह को आंतकवाद से जोड़ दिया, अभी तक तो भाजपा नेता यह कह रहे थे कि सपा आने से गुंडाराज आयेगा, सभी लोगों को बुर्का पहनना पड़ेगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सपा के चुनाव चिन्ह को गुजरात में हुए बम धमाकें में साइकिल के उपयोग से जोड़कर यह स्पष्ट कर दिया कि अब पार्टियों की पहचान चुनाव चिन्हों से भी की जा सकती है। जबकि पर्यावरण को बेहत्तर बनने के लिए साईकिल के उपयोग पर सरकारे भी जोर दे रही है, जिसके लिए अलग से साईकिल पथ का निर्माण भी किया जा रहा है, वही देश के कई राज्यों में महिला शिक्षा को बढ़ाने के लिए भी निशुल्क साइकिल का वितरण किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह को आंतकवाद से जोडऩा स्पष्ट करता है कि यूपी में भाजपा की हालत कितनी खराब है कि नेता चुनाव चिन्ह पर भी निशाना साधा जा रहा है।
साइकिल आमजनों का विमान है
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री के बयान पर लिखा कि खेत और किसान को जोड़कर उसकी समृद्धि की नींव रखती है हमारी साइकिल, सामाजिक बंधनों को तोड़ बिटिया को स्कूल छोड़ती है हमारी साइकिल, महंगाई का उस पर असर नही, वो सरपट दौड़ती है हमारी साइकिल, साइकिल आम जनों का विमान है, ग्रामीण भारत का अभिमान है, साइकिल का अपमान पूरे देश का अपमान है। वही सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने पीएम मोदी के विदेश दौरे में साइकिल लेने वाली फोटो पोस्ट कर तंज करते हुए लिखा प्रधानमंत्री हिंदुस्तान के बाहर जाकर साइकिल पर क्यों बैठे? क्या समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने वाले हैं? उनकों क्या पता कि साइकल समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह हैं? मैं हैरान हूं भाई। वही आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि आप नतीजे की कल्पना कर सकते है, अब उत्तरप्रदेश में, ओपिनियम पोल ओर एग्जिट पोल मायने नही रखते।