May 1, 2025

चिंतन शिविर, झीरम घाटी की तरह गेम चेंजर साबित होगा भाजपा के लिए?

झीरम घटना के बाद ही कांग्रेस, भाजपा को किले में सेंधमारी कर पायी

 छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद बस्तर में भाजपा की पकड़ लगातार मजबूत होगी गयी और कांग्रेस एक समय सिर्फ कोंटा विधानसभा सीट में सिमट कर रह गयी थी लेकिन जीरम घटना के बाद बस्तर में कांग्रेस की पकड़ मजबूत होने लगी और भाजपा के जड़े कमजोर। पिछले विधानसभा चुनाव में बस्तर से भाजपा का सुपड़ा ही साफ हो गया है। भाजपा बस्तर में अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद बस्तर में पहला तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन कर रही है। सवाल यह है कि जिस तरह से झीरम घटना के बाद बस्तर में कांग्रेस अपने खोयी जमीन वापस पाने में सफल हुई क्या चिंतन शिविर के बाद भाजपा भी अपनी खोयी जमीन वापस पाने में कामयाब होगी? यह ऐसा सवाल है जो राजनीतिक गलियारों के साथ ही आम जनता में भी चर्चा का विषय बनता जा रहा है, क्योकि बस्तर को राज्य की सत्ता का प्रवेश द्वार कहा जाता है, इसलिए जरूरी है कि कांग्रेस को अपनी सत्ता बचाये रखने के लिए बस्तर में अपनी जमीन को बचाये रखना पड़ेगा, वही भाजपा को सत्ता में काबिज होने के लिए बस्तर में कांग्रेस को उखाड़ फेंकना होगा? दो साल पहले से ही भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दल बस्तर में कब्जा करने की रणनीति बनाने लगे है। सवाल यह है कि जिस तरह से कांग्रेस झीरम घटना के बाद मजबूत हुई क्या चिंतन शिविर के बाद भाजपा बस्तर में मजबूत होगी?

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