शुवेंदु अधिकारी के भाजपा में शामिल होने से नंदीग्राम क्षेत्र से बहुत उम्मीदें है
भक्त मोदी सरकार के लिए अंदर में घूस कर मारने की बात कहते है, लेकिन पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी ने इसी रणनीति को जमीन में अमल करते हुए नंदीग्राम से चुनाव लडऩे की घोषणा करके भाजपा को बंगाल सत्ता से दूर रखने का जो चाल चाली है, उससे भाजपा की मुश्किलें बढ़ गयी है। भाजपा नेता राहुल सिंहा ने इसे जनता से विश्वासघात जरूर बताया है, लेकिन भाजपा ने नंदीग्राम क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखने वाले टीएमसी नेता शुवेंदु अधिकारी को अपने पाले में करके सत्ता के जो सपने बून रहे थे वह सपना बिखर भी सकता हैै। राजनीतिक जानकार भी मानते है कि ममता बेनर्जी की यह रणनीति निश्चित ही भाजपा के परेशानी का सबब भी बन सकती है, क्योकि नंदीग्राम क्षेत्र से अपनी राजनीति की शुरूआत करने वाली ममता बेनर्जी ने इस क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखने वाले टीएमसी नेता शुवेंदु अधिकारी पाला बदल कर भाजपा में शामिल होने से टीएमसी की पकड़ इस क्षेत्र में कमजोर हुई। माना जाता है कि श्री अधिकारी के भाजपा में शामिल होने से आसपास के 50 विधानसभा सीटों पर टीएमसी को नुक्सान हो सकता है लेकिन ममता बेनर्जी ने आगे बढ़ते हुए भाजपा के इस रणनीति को भेदने के लिए स्वयं ही मोर्चा संभाल कर नंदीग्राम से चुनाव लडऩे का फैसले से निश्चित ही भाजपा की उम्मीदों पर पानी फेर सकता है। शुवेंदु अधिकारी ने ने ममता को 50 हजार वोट से हराने का दावा किया है, लेकिन ममता दीदी की यह रणनीति निश्तित ही बंगाल चुनाव को रोमांचक बना दिया है। भाजपा ने टीएमसी व अन्य पार्टियों के नेताओं केा भाजपा में शामिल करके बंगाल में पहली भाजपा सरकार बनने का जो रणनीति बनायी है वह धरातल में कितनी कामयाब होगी यह तो आने वाले समय में पता लगेगा लेकिन नंदीग्राम में शुवेंदु अधिकारी से भाजपा में शामिल होने से क्षेत्र के टीएमसी कार्यकर्ताओं में जो निराशा पैदा हुई होगी उसकी भरपाई करने के लिए मुख्यमंत्री ने नंद्रीग्राम से चुनाव लडऩे के फैसले से वापस आ जायेगा।