टीजर से रिलीज होने से हो रहे भगवा के अपमान को रोकने के लिए हिन्दूवादी संगठनों ने मोदी सरकार से टीजर रोकने के लिए सड़कों की लड़ाई क्यों नही लड़ रहे है
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को क्या हिन्दुत्व की राजनीति करने वाली मोदी सरकार के सेंसर बोर्ड पर विश्वास नही है कि वह बेशरम रंग के गाने में भगवा के हो रहे अपमान को अनुमति प्रदान कर देगा? इसलिए उन्हें अपने स्तर पर कह कहने का मजबूर होना पड़ रहा है कि अगर इस गाने में वह दीपिका पादुकोण के वस्त्र और सीन्स को ठीक नही करेगा तो एमपी में रिलीज नही होने देगें। इसके अलावा हिन्दू संगठनों ने भी पठान फिल्म का विरोध का रहे है। फिल्म के टीजर में ही अधिकांश लोगों ने निशुल्क ही मंत्री नरोत्तम मिश्रा के अनुसार वस्त्र व सीन्न को देख लिया है ऐसे में अगर दीपिका पादुकोण के वस्त्र व सीन्स को ठीक भी लिया जायेगा तो भगवा का जो अपमान हुआ है वह वापस नही आयेगा। सेंसर बोर्ड को पठान का टीजर ही नही रिलीज करने देना था, लेकिन विरोध करने वाले सेंसर बोर्ड पर सवाल उठाने की जगह पठान के विरोध की मांग कर रहे है।
भगवा का अपमान करने वाले लोग कैसे है सेंसर बोर्ड में ?
भगवा का सम्मान करने वाली मोदी सरकार का सेंसर बोर्ड क्या भगवा का सम्मान नही कर रहा है, इसके बाद भी मोदी सरकार के मंत्री व भाजपा नेता सेंसर बोर्ड पर सवाल उठाने की जगह पठान फिल्म के बहिष्कार की आवाज बुलंद कर रहे है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मध्यपद्रेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा कह रहे है कि अगर बेशरम रंग के गाने में दीपिका पादुकोण के वस्त्र व सीन्स को ठीक नही किया जायेगा तो उसे मध्यप्रदेश में रिलीज नही होने देगें, लेकिन टीजर के रिलीज होने के बाद दर्शकों ने निशुल्क में ही जो भगवा का अपमान देख लिया है उसके लिए कौन जिम्मेदार है? उन पर कार्यवाही की मांग गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा व हिन्दू संगठन क्यों नही कर रहे है। उल्लेखनीय है कि विरोध के बाद भी हिन्दुत्व की राजनीति करने वाली मोदी सरकार ने पठान के टीजर पर भी रोक लगाने की अभी तक सेंसर बोर्ड से मांग नही की है, ताकि भगवा के अपमान पर लगाम लगाई जा सकें।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि हिन्दुत्व की राजनीति करने वाली मोदी सरकार की सेंसर बोर्ड के खिलाफ हिन्दूवादी संगठनों या गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के द्वारा क्यों नही मोर्चा खोला जाता है ताकि विवाद ही पैदा ना हो, लेकिन ऐसा करने से मोदी सरकार की इमेज पर नुक्सान होने का खतरा है इसलिए सुनियोजित तरीके से सेंसर बोर्ड की जगह सड़कों पर पठान फिल्म के बहिष्कार की आवाज बुलंद करके हिन्दू मुस्लिम राजनीति को भी हवा दी जा नही है, क्योकि भगवा का अपमान पहलेे भी फिल्मों मेंं होता रहा है लेकिन पठान फिल्म के हीरो शाहरूख खान होने के कारण फिल्म का विरोध करने के लिए भगवा का सहारा लिया जा रहा है।