नारद स्टिंग में भाजपा में शामिल हो चुके शुभेंद्रु अधिकारी, मुकुल रॉय को सीबीआई ने नही किया गिरफ्तार
नारद स्टिंग में टीएमसी के छ: नेता शामिल थे जिसमें दो भाजपा में शामिल होकर ईमानदार बन चुके है
कांग्रेस सरकार के समय सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को तोता बताया था, मोदी सरकार ने जिस तरह से सीबीआई का उपयोग अपने राजीतिक हितों के लिए किया है उससे निश्चित ही सीबीआई तोता से आगे निकल गयी है। ताजा मामला नारद स्टिंग ऑपरेशन का है जिसमें टीएससी के छ: नेता पैसा लेते हुए कैमरे के सामने पकड़े गये थे। जिनमें से चार नेता फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी,मदन मित्रा और पूर्व मंत्री शोभन चटर्जी को सीबीआई ने सुबह सुबह उनके घर से गिरफ्तार कर लिया, लेकिन स्टींग में शामिल शुभेंदु्र अधिकारी और मुकुल रॉय को सीबीआई ने गिरफ्तार नही किया, क्योकि यह दोनों नेता टीएमसी छोड़ कर भाजपा में शामिल हो चुके है। सवाल यह है कि जब नारद स्टिंग में छ: नेता शामिल थे तो सीबीआई ने भाजपा में शामिल हो चुके टीएमसी नेताओं को क्यो गिरफ्तार करके जेल नही भेजा, जो स्पष्ट करता है कि मोदी सरकार सीबीआई का उपयोग विरोधियों को निपटाने में कर रही है, क्योकि मोदी सरकार ने बंगाल फतेह के लिए सारी मर्यादाओं को त्याग में रख दिया था इसके बाद भी बंगाल ने जनता ने भाजपा की जगह टीएमसी को चुना कर मोदी सरकार की किरकिरी करा दी, अपना आंक्रोश को दिखाने के लिए सीबीआई का सहारा लेकर भेदभाव पूर्ण कार्यवाही करके देश की जनता को यह बताने का प्रयास करके ममता सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। लेकिन यह दाव भी उलटा ही पड़ता दिखाई दे रहा है क्योकि स्टिंग में शामिल शुभेंद्रु अधिकारी और मुकुल रॉय की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी नही किया जाना साबित करता है कि मामला कैमरे के सामने पैसा लेने का नही है।