पेट्रोल और डीजल के बढ़े दामों का साईकिल से क्या लेना देना है, जानना चाहता है हर साईकिल चालक
बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दामों का विरोध करने के लिए राजनीतिक दल साईकिल की सवारी करके क्या साईकिल का उपयोग करने वालों को कही नीचा दिखाने का प्रयास तो नही करते है? यह सवाल इसलिए गहराता है क्योकि पेट्रोल और डीजल के बढ़े दामों का साईकिल ये क्या लेना देना है, यह समझ से परे है, क्योकि अभी तक ऐसा सर्वे नही आया है कि मंहगाई के चलते लोगों ने कार व मोटर साईकिल छोड़ कर साईकिल की सवारी करने वालों की संख्या बढ़ गयी है। इसके बाद भी राजनीतिक दल विरोध में इसी का उपयोग करके अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास कर रहे है। जबकि वर्तमान स्थिति को देखते हुए बैलगाड़ी चला कर विरोध करना समझ में आता है क्योकि बैलगाड़ी की वापसी एक्सप्रेस वे पर नही हो सकती है।
जिस देश में राजनीतिक दल पेट्रेाल और डीजल के बढ़े दामों का विरोध करने के लिए साईकिल चलाते है वहां पर लोगों को साईकिल चलाने के लिए कैसे सरकार व नेता प्रेरित कर पायेगें? यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब तलाशने का प्रयास किसी भी राजनीतिक दलों के द्वारा नही किया जाता है, जिसकी वजह से साईकिल चलाने वालों की संख्या में लगातार कमी आती जा रही है। यह जरूर है कि रसूकदार लोगों द्वारा महंगी साईकिल चलाने का प्रचलन शुरू किया गया है लेकिन वह सिर्फ व्यायाम तक ही सीमित है जबकि उसका उपयोग दैनिक जीवन में भी होना चाहिए। पूर्व में भाजपाई ने साईकिल चला कर पेट्रेाल व डीजल के बढ़े दामों का विरोध किया था, वर्तमान में कांग्रेसी नेत भी यही कर रहे है, सवाल यह है कि क्या बढ़ते पेट्रेाल और डीजल के दामों से लोगों ने गाड़ी चलाने की जगह साईकिल चलाना शुरू कर दिया है? क्या राजनीतिक पार्टियों ने ऐसा कोई सर्वे करवाया है कि पेट्रेाल डीजल के दामों के बढऩे से लोग कार या मोटर साईकिल चलाने की जगह साईकिल चलाने लगे है? जब इसका कोई आधार नही है तो क्यो नेता साईकिल चला कर विरोध प्रदर्शन करके शहर में साईकिल चलाने वालों को नीचा दिखाने का प्रयास करते है, जिससे उनका मनोबल कम होता है। शहर में साईकिल चलाने वाले को सत्ता में बैठे नेताओं को प्रेरित करने की जगह उन्हें नीचा दिखाने का प्रयास किया जा रहा है, ऐसे हालातों में देश व राज्य में साईकिल को बढ़ावा कैसे मिलेगा, जबकि सरकारें साईकिल को बढ़़ावा देने के लिए साईकिल पथ का निर्माण भी करा रही है। जगदलपुर नगर निगम में साईकिल पथ निर्माण की योजना को गंभीरता से नही लिया, जिसकी वजह से शहर में साईकिल पथ का निर्माण नही शुरू हो सका है।