उपमुख्यमंत्री रेणु सिंह बुलडोजर चलाना तो चाहती है, लेकिन किसके दवाब में नही चला पा रही है?
बिहार में केंद्र सरकार की अग्रिपथ योजना को लेकर हो रहे विरोध जिसमें शासकीय संपत्ति को बहुत नुक्सान पहुंचा है, इसके बाद से सवाल उठने लगा है कि क्या यूपी व मध्यप्रदेश की तरह ही बिहार में भी आरोपियों के घरों में बुलडोजर चलेगें? क्योकि बिहार में भाजपा भी सरकार में शामिल है जो योगी सरकार की बुलडोजर नीति का खूल कर समर्थन कर रही है, लेकिन अभी तक बिहार में हुई हिंसक घटनाओं के मामले पर किसी के घर में बुलडोजर नही चला है। भाजपा कोटे से बनी उपमुख्यमंत्री रेणु देवी का कहना है कि राज्य में उपद्रव होने के साथ ही प्रदर्शनकारियों के हमले से उनके घर को काफी नुकसान हुआ है, लेकिन अभी तक कोई बड़ी कार्यवाही नही हुई है। जबकि उनका मानना है कि उत्तरप्रदेश की तर्ज पर ही बिहार में बुलडोजर चलना चाहिए। सवाल यह है कि केंद्र सरकार की अग्रिपथ योजना के खिलाफ बिहार में हो रहे उपद्रव को सत्ता में शामिल भाजपाई रोक पाने में असफल होने से कही ना कही भाजपाईयों पर भी सवाल उठ रहे है, कि यूपी में जिस बुलडोजर नीति का समर्थक कर रहे थे उसका उपयोग हिंसा रोकने के लिए बिहार में क्यो नही किया गया। सत्ता में काबिज नेता सिर्फ बयानबांजी करके खानापूर्ति कर रहे है।
शुक्रवार हिंसा में बुलडोजर चला, अग्रिपथ योजना हिंसा पर क्यों नही चला?
विपक्ष के गुंडे हिंसा कर रहे तो बिहार सरकार आरोपियों के घरों में बुलडोजर चलाने में क्यों डर रही है
बिहार सरकार भाजपा प्रवक्त नूपुर शर्मा के बयानबांजी के बाद शुक्रवार को देश की विभिन्न राज्यों में हिंसा हुई थी लेकिन बिहार में नही होने का श्रेय लेने से नही चुके, लेकिन केंद्र सरकार की अग्रिपथ योजना के घोषणा के बाद देश के अन्य हिस्सों के साथ ही सार्वििधक विरोध बिहार में हुआ, प्रदर्शनकारियों ने इस योजना के विरोध में सरकारी संपत्ति को जम कर नुक्सान भी पहुंचाया। जिसके बाद से यह सवाल उठने लगा था कि क्या यूपी के तर्ज पर ही बिहार में भी हिंसक घटनाओं के आरोपियों के यहां बुलडोजर चलेगा? लेकिन उपद्रव जारी है लेकिन सरकार ने अभी तक किसी ही आरोपी के घर में बुलडोजर नही चलाया है और सत्ता में शामिल भाजपाई मुकदर्शक बने सिर्फ बयानबांजी करके अपना मन बहला रहे है। उपमुख्यमंत्री रेणु देवी का मानना है कि उत्तरप्रदेश की तर्ज पर ही बिहार में भी बुलडोजर चलना चाहिए लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नही किया कि बुलडोजर चलाने के लिए उन्होंने सरकार पर कितना दवाब बनाया क्योकि सत्ता में शामिल होने के कारण उनकी भी जिम्मेदारी बनती है कि केंद्र सरकार की अग्रिपथ योजना में हो रही हिंसा को रोकें। उपमुख्यमंत्री रेणुदेवी इस हिंसा के लिए विपक्ष को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि अच्छे बच्चे ऐसा नही करते है ये विपक्ष के गुंडे है। सवाल यह है कि जब हिंसक घटनाओं को अंजाम देने वाले विपक्ष के गुडे है तो बिहार सरकार को हिंसा रोकने के लिए ठोस कार्यवाही करने का दवाब बनाना चाहिए था, चाहे इसके लिए सरकार से अलग ही क्यों ना होना पड़ जाये, लेकिन ऐसा ना करके भाजपाई सिर्फ बयानबांजी ही कर रहे है, और दूसरी तरफ इस योजना के खिलाफ बिहार में हिंसक प्रदर्शन जारी है।