May 1, 2025

भावनात्मक मुद्दों के सहारे विपक्ष को तोड़ने की कोशिश

आदिवासी राष्ट्रपति के बाद, घर हर तिरंगा योजना लागू हुई

मोदी सरकार विपक्ष में सेंधमारी करने के लिए ऐसे भावनात्मक मुद्दों को आगे बढ़ाती है कि विपक्ष अगर विरोध करता है तो देश की जनता में उनकी ईमेज खराब होती है। राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए ने आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्म को प्रत्याशी बना कर विपक्ष की एकता को तार तार कर दिया, अब वह आजादी के अमृत महोत्सव में हर घर तिरंगा अभियान से विपक्षी दलों को मोदी सरकार घेरने की कोशिश में है।
ताकतवर मोदी सरकार चीन को लद्दाख क्षेत्र में किये गये अतिक्रमण पर बुलडोजर चला पाने में अभी तक सफल नही हो सकी है, डॉलर के मुकाबले रूपये की पतली हालत को रोकने की रणनीति भी कामयाब नही हो सकी है, लेकिन विपक्ष को किस तरह कमजोर करके सत्ता पर अपनी पकड़ को मजबूत बनाये रखने की रणनीति जरूर सफल हो रही है। मोदी सरकार ने राष्ट्रपति चुनाव के माध्यम से आदिवासियों में अपनी पैठ जमाने के लिए आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एनडीए का प्रत्याशी बनाकर विपक्षी एकता को तार तार करने में सफल रही। कांग्रेस के विधायकों ने भी पार्टी लाईन से बाहर जाते हुए एनडीए प्रत्याशी को वोट किया, वही कई अन्य राजनीतिक पार्टी भी आदिवासी वोटों के चलते एनडीए प्रत्याशी के समर्थन की घोषणा करने को मजबूर हुुई। मोदी सरकार ने आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर हर घर तिरंगा अभियान  शुरू किया  है, देश में लगभग 20 करोड़ घरों में झंडा फहराने का लक्ष्य रखा है जिसके लिए भाजपा के कार्यकर्ता ने तैयारी शुरू कर दी है, भाजपा हर घर तिरंगा अभियान के माध्यम से भावनात्मक रूप से जनता के बीच अपनी देशभक्ति की मुहर लगाने में भी सफल होगी । राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जिस तरह से विपक्ष राष्ट्रपति के एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का विरोध नही कर सका। उसी तरह ही अभियान का भी विरोध नही कर पायेगा, क्योकि इस योजना पर सवाल उठाने से विपक्ष पर आसानी से देशद्रोह व तिरंगे के अपमान को भाजपा मुद्दा बना सकती है। मोदी सरकार पहले ही कांग्रेस पार्टी को देशद्रोही व पाकिस्तान समर्थक बता रहा है, हर घर तिरंगा अभियान का कांग्रेस द्वारा सवाल उठाने से उनकी   रणनीति कही ना कही सफल होती दिखाई दे रही है। अन्य विपक्षी दलों की हर घर तिरंगा पर क्या राय है इसका खुलासा नही हो सका है, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव की तरह इस मुद्दे पर भी कई विपक्षी पार्टी  मोदी सरकार के साथ खड़े होने को मजबूर होगी।  भावनात्मक मुद्दे के सहारे मोदी सरकार विपक्ष की एकता को तार तार करके महंगाई व अन्य समस्याओंं से देश का ध्यान भटकाने के साथ ही अपनी सत्ता में पकड़ मजबूत पकड़ बनाने में सफल है। जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के मद्देनजर  हर घर तिरंगा अभियान का लाभ मिलने की उम्मीद भाजपा के रणनीतिकारों को है इसलिए इस योजना का सर्वाधिक फोकस कश्मीर में किया जा रहा है।  हिन्दुत्व,  राष्ट्रवाद, एक देश एक कानून जैसे भावनात्मक मुद्दे के बाद आदिवासी महिला राष्ट्रपति और अब हर घर तिरंगा अभियान शुरू किया है।

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