कफ्र्यू खत्म होने पर खाना लेेने गया था
दुनिया में भारत की ताकत मोदी सरकार में बढऩे का दावा भाजपाई करते है लेकिन यूक्रेन और रूस के बीच रहे रही लड़ाई में यूक्रेन से भारतीयों को सुरक्षित निकालने के मोदी सरकार के प्रयासों पर सवाल गहराने लगा है क्योकि आज खारकीएव में खाना लेने गये के छात्र नवीन की गोलीबारी मेें मौत हो गयी। वह कर्नाटक के हावेरी जिले के रानेबेन्नूर तालुक के चलगेरी गांव में रहने वाला है जो पिछले चार साल से खारकीएव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिसिन की पढा़ई कर रहा था। यह हादसा बताता है कि यूक्रेन में हालात कितने गंभीर है।
विधानसभा चुनाव के बीच यूक्रेन और रूस की लड़ाई के दौरान यूक्रेन में फंसे भारतीयों को मोदी सरकार द्वारा समय पर सुरक्षित नही निकाल पाने का मुद्दा भारतीय राजनीति में गर्माया हुआ है। मोदी सरकार यूक्रेन से सभी भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए विदेश सचिव रूस और यूक्रेन के दूतों से बात करने के साथ ही भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने की मांग की जा रही है। भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों को कहा है कि जो भी साधन उपलब्ध हों, वो वहां से निकल जाएं। भारतीय छात्र नवीन की मौत पर उनके साथी श्रीकांत ने बताया कि नवीन ने अपने करीबी दोस्त को पैसा ट्रांसफर करने का आग्रह किया था, ताकि वो खाना खरीद सके। सुबह कफ्र्यू खत्म होने के बाद करीब साढ़े छह बजे अपने बंकर से निकला था, इसके बाद वह वापस नही आ सका। उसने बताया कि खारकीएव में बहुत बमबारी हो रही हैं, बंकर में हम नौ लोग थे, पांच चले गए लेकिन हम रिस्क नहीं लेना चाहते थे इसलिए यहीं रहें। नवीन व श्रीकांत की तरह ही बहुत से छात्र बंकरों में छुपकर जान बचाने को मजबूर है। सवाल यह है कि क्या मोदी सरकार की यूक्रेन में भारतीयों को सुरक्षित निकालने की कोई रणनीति चुनावों की तर्ज पर नही बनायी थी, क्योकि भाजपा के पास चुनाव जीतने को लेकर बड़े बड़े रणनीतिकार मौजूद है लेकिन यूक्रेन से भारतीयों को सुरक्षित निकालने की रणनीति बनाने वाले रणनीतिकार नही है। क्योकि मामला बिगडऩे के बाद मोदी सरकार ने चार मंत्रियों को भारतीय को सुरक्षित निकालने की कमान सौंपने के बाद एक भारतीय छात्र की मौत हो गयी है।
मुख्यमंत्री ने मृतक के पिता से बात की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने नवीन शेखरप्पा के पिता से बात की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवीन के शव को भारत लाने की हर संभव कोशिश की जाएगी। वही राहुल गांधी ने भारतीय छात्र की मौत परअपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए भारत सरकार से सभी छात्रों को सुरक्षित निकालने की गुहार लगाई है। लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि वे चुनाव की बजाए यूके्रन से भारतीय छात्रों को निकालने पर अपना ध्यान केंद्रित करें।
खाड़ी युद्ध में एक लाख 70 हजार लोगों को निकाला था भारत सरकार ने
तृणमूल कांग्रेस के नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि मोदी सरकार यूक्रेन से 18 हजार लोगों को नहीं निकाल पा रही है, जबकि 1990 में खाड़ी युद्ध के दौरान भारत सरकार ने एयर इंडिया के जरिये एक लाख 70 हजार से अधिक भारतीयों को इराक और कुवैत से निकाला था, आपकी जानकारी के लिए। मोदी सरकार हर समस्या के लिए पूर्व की सरकारो को जिम्मेदार बताती रही है लेकिन पूर्व की सरकारों ने कई बड़े काम भी किये है जिसमें खाड़ी युद्ध से भारतीयों को निकालना लेकिन बड़ी बड़ी बातें करने वाली मोदी सरकार रूस और यूक्रेन युद्ध में 18 हजार भारतीयों को भी नही निकाल सकी। जो बताता है कि मोदी सरकार को सिर्फ चुनाव की रणनीति ही बनाती आती है, इसके अलावा उन्हें किसी समस्या के लिए चिंतित नही है।