भाजपा जिन पर कभी भ्रष्टाचार का आरोप लगाती थी, भाजपा में शामिल होते ही हरिशचंद्र की तरह ईमानदार कैसे हो गये? देश ही नही दुनिया जानना चाहती है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार को लेकर केरल में कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर करने वालों को बचाने के लिए कुछ समूह आगे आ रहे है, और एक गुट में संगठित हो रहे है, भ्रष्टाचार में लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही के कारण राष्ट्रीय राजनीति में ध्रुवीकरण हुआ है। लेकिन उन्होंने इस बात का उल्लेख करना जरूरी नही समझा कि भाजपा विपक्ष में रहते जिन कांग्रेसी नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाती थी उनके भाजपा में शामिल होने के बाद कार्यवाही क्यों नही हुई। पश्चिम बंगाल के नेता मुकुल राय, शुभेंद्रू अधिकारी व असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व सरमा सहित अनेकों नाम है जिन पर भाजपा ने ही भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। ऐसे हालातों में देश से भ्रष्टाचार कैसे खत्म होगा, यह जरूर है कि भ्रष्टाचार के नाम पर विपक्ष को खत्म करने का प्रयास जरूर किया जा रहा है। मोदी सरकार के आठ साल के शासनकाल के बाद भ्रष्टाचार अवधारणा सूचकांक 2021 मेंं 180 देशों में 85 वें स्थान पर है।
भ्रष्टाचार के मामले पर कितने नेताओं को जेल भेजा मोदी सरकार ने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के भ्रष्टाचार को लेकर बेहद चिंतित है, लेकिन भाजपा की उस धूलाई मशीन को लेकर बिलकुल भी चिंतित नही है जिसमें विपक्षी दलों के भ्रष्टाचारियों की साफ सफाई करके भाजपा में शामिल किया जाता है। बिहार में सत्ता बदलने के बाद जिस तेजी से ईडी ने छापे मारे की कार्यवाही की, उस सही संकेत दे रहा है कि भाजपा जब बिहार में सरकार में थी उस वक्त भ्रष्टाचार दिखाई नही दे रहा था जैसे ही भाजपा सरकार से बाहर हुई भ्रष्टाचार दिखाई देने लगें। प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने वालें लोगों को बचाने का प्रयास कुछ समूह के द्वारा किया जा रहा है लेकिन उन्होंने देश की जनता को यह नही बताया कि उनके कार्यकाल में कितने नेताओं को भ्र्रष्टाचार के मामले में जेल भेजा गया है। गांधी परिवार से जरूर ईडी पूछताछ कर रही है लेकिन सजा कब तक होगी इस पर भाजपा नेता भी मौन साधे हुए है, जो बताता है कि सिर्फ विपक्ष को भ्रष्टाचार के मामले पर घेरने के लिए ही सुनियोजित तरीके से ईडी व सीबीआई का उपयोग किया जा रहा है कि अगर ईडी व सीबीआई से बचना है तो भाजपा में शामिल हो जाये, अन्यथा खेर नही।
गोगोई सरकार के भ्रष्टाचार की जांच हेमंत विश्व शरमा की सरकार करेगी?
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जरूर विपक्ष पर भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजूट होने का आरोप लगा रहे है लेकिन भाजपा जिन पर कभी भ्रष्टाचार का आरोप लगाती थी उनके भाजपा में शामिल होने से ईमानदार हो जाना देश की जनता को यही संदेश दे रहा है कि मोदी सरकार भ्रष्टाचार की आड़ में देश से विपक्षी पार्टी को ही खत्म कर देना चाहते है। गृहमंत्री अमित शाह ने असम प्रवास पर गोगोई सरकार के भ्रष्टाचार की जांच करने की बात तो कही लेकिन हेमंत विश्व सरमा के भ्रष्टाचारी होने के सवाल पर वह कुछ नही बोलना स्पष्ट संदेश दे रहा है कि भाजपा की भ्रष्टाचार की धूलाई मशीन में सफाई के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को भ्रष्टाचार नही दिखाई देता है, सिर्फ विपक्ष का ही भ्रष्टाचार दिखाई दे रहा है, जिसे वह खत्म करके भारत को विश्व गुरू बनाना चाहते है, और देश की जनता भी मोदी सरकार के इस नये तरीके से भ्रष्टाचार के खत्म करने में हर संभव मदद करती दिखाई दे रही है।