May 1, 2025

भाजपाईयों की बगावत हिमाचल प्रदेश से गुजरात पहुंची

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसलों पर अब भाजपाई भी सवाल उठाने लगे है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पकड़ क्या भाजपाईयों पर कम हो रही है? यह सवाल इसलिए उठने लगा है कि क्योंकि हिमाचल प्रदेश में टिकट कटने से नाराज भाजपाई नेता भाजपा को हराने के लिए मोर्चा खोल दिया। अब गुजरात में भी टिकट वितरण के बाद भाजपा के नेता ही भाजपा को हराने के लिए ताल ठोक रहे है। जिस तरह हिमाचल प्रदेश का चुनाव डबल इंजन सरकार होने के बाद भी बागियों के चलते कांटे की टक्कर में बदल गया है। गुजरात का चुनाव भी बागियों के कारण कांटे की टक्कर में बदलने का खतरा मंडराने लगा है। भाजपा पहले ही गुजरात में आम आदमी पार्टी के कारण परेशानी का सामना कर रही है, बागियों ने परेशानी में भारी इजाफा कर दिया है।

आप के बाद भाजपा के बागी बने गुजरात में मोदी के लिए समस्या

भाजपा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा के बगैर पत्ता भी नही हिलता था, लेकिन हालात बदलने के कारण भाजपा के अंदर परेशानी भी बढ़ती जा रही है, हिमाचल प्रदेश में टिकट नही मिलने से नाराज नेताओं ने स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतर कर भाजपा की परेशानी बढ़ाई है,जिसके चलते सत्ता वापसी की राह मुश्किल हो गई है। भाजपा के गढ़ माने जाने वाले गुजरात में भी टिकट कटने से नाराज भाजपाई बागी तेवर दिखा रहे है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आठ सालों में पहली बार भाजपा को विपक्षी दलों के साथ ही पार्टी के बागियों से भी लडऩे को मजबूर होना पड़ा रहा है, जिसकी वजह से भाजपा की जीत की संभावनाओं पर भी असर पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश के बाद भाजपा के गढ़ गुजरात में भी भाजपाई के बागी तेवर से कही ना कही देश की जनता में यही संदेश गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पकड़ भाजपा नेताओं पर पहले जैसी नही रही है, इसलिए उनके फैसले के खिलाफ जाने से परहेज नही कर रहे है चाहे इससे भाजपा को ही क्यों ना नुक्सान उठाना पड़े। भाजपाई जरूर नारा लगाते है कि उन्हें देश की चिंता है लेकिन जिस तरह से बागी तेवर नेताओं ने अपनाये है वह यही संदेश दे रहा है कि देश से ज्यादा उन्हें कुर्सी की चिंता है। विपक्षी दल भाजपा की इस बगावत का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश में लगा है वह इसमें कितना सफल होता है यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा, पूर्व में भाजपा ने भी कांग्रेस की बगावत का राजनीतिक लाभ उठा चुकी है, और आज भाजपा भी उसी समस्या से जूझ रही है। भाजपा ने गुजरात सरकार के पांच मंत्रियों सहित मौजूदा 42 विधायकों को टिकट काट दिया है वही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नेताओं को टिकट देकर भी कही ना कही सच्चे भाजपाईयों के दिलों में नमक छिडऩे का काम किया है।

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