यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कंगना के बयान पर मौन साधा
वीर सावरकर, भगतसिंह, सुभाषचंद्र बोस, सरदार पटेल की मेहनतों पर भी पानी फेरा, जिसके सहारें भाजपाई राजनीति करती है
पद्मश्री मिलने के बाद कंगना राणावत का बयान की देश को असली आजादी 2014 में मिली है, 1947 को भीख में मिली आजादी करार देने के बाद पूरी तरह से भाजपा बैकफुट में है, क्योकि भाजपा जिस वीर सावरकर, सरदार पटेल, भगतसिंह व सुभाषचंद्र बोस के नाम पर राजनीति करती थी उनकी भी मेहनत पर कंगना ने पूरी तरह से पानी फेर दिया है। गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के पूर्व कंगना का बयान इसलिए अहम है क्योकि उत्तरप्रदेश से बड़ी संख्या में स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी थी, आज उनके परिजन कंगना के इस बयान ने निश्चित ही आहत हुए होगें, कि मोदी सरकार ने जिसे पद्मश्री दी वह खुल्ले आम देश की लड़ाई लडऩे वालों का अपमान कर रही है। क्या मोदी सरकार का राष्ट्रवाद यही है कि राष्ट्र की लड़ाई लडऩे वालों का इस तरह सार्वजनिक अपमान किया जाये। भाजपा इसे कंगना कर निजी बयान बता कर पल्ला झाडऩे की कोशिश जरूर कर रही है लेकिन भाजपा और कंगना के बीच गहरा रिश्ता है यह बात देश की शत प्रतिशत जनता जानती है।
पद्म सम्मान वापस लेने की आवाज उठने लगी
कंगना राणावत के 1947 को भीख में आजादी के बयान के बाद राजनीतिक पारा बढऩे लगा है। किसान मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ बगावती तेवर अपनाये भाजपा सांसद वरूण गांधी ने मोर्चा खोलते हुए कहा कि कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, ओर अब शहीद मंगल पाण्डेय, से लेकर रानी लक्ष्मीबाई भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाषचंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बनियों का तिस्रकार। इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह। वरूण गांधी के इस ट्वीट को इंस्टाग्राम स्टोरी में शामिल करके कंगना ने जवाब लिखा कि हालांकि, मैंने साफ- साफ यह बताया था कि 1857 में आजादी की पहली लड़ाई हुई, जिसे दबा दिया गया, इसके बाद ब्रिटिश हुकूमतका अत्याचार और कू्ररता बढ़ गयी। लगभग एक सदी के बाद गांधी के भीख के कटोरे में हमें आजादी दे दी गयी,..जा और रो अब। एनडीए के सहयोगी हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने कंगना राणावत को मिला पद्मश्री सम्मान वापस लेने की मांग राष्ट्रपति से करते हुए कहा है कि अगर ऐसा नही किया गया तो दुनिया समझेगी कि गांधी, नेहरू, भगत सिंह, पटेल, कलाम, मुखर्जी, सावरकर सब के सब ने भीख मांगी तो आजादी मिली।
कांग्रेसी नेता आनंद शर्मा ने कंगना के बयान को निंदनीय और पूरे देश को चौंकाने वाला बताते हुए मोदी सरकार से पद्मश्री वापस लेने की मांग की। जबकि एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि ऐसा लगता हेै कि बयान देने से पहले बॉलीवुड अमिनेत्री ने हेवी ड्रग्स ली थी उन्होंने केंद्र सरकार से पद्मश्री वापस लेने के साथ ही उन्हें गिर$फतार करने की मांग की है। आप पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य प्रीति शर्मा मेनन ने मुंबई पुलिस कमिश्रर से शिकायत करके कंगना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
कंगना की करीबियों का नुक्सान उठाना पड़ सकता है भाजपा को
भाजपा नेता अपने बचाव में कंगना राणावत का निजी विचार बता कर अपना पल्ला झाड़ तो रहे है लेकिन पद्मश्री वापस लिये जाने के मामले पर गोलमाल जवाब देकर कही ना कही कंगना का बचाव भी करते नजर आ रहे है, राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कंगना राणावत के साथ जिस तरह से भाजपा खड़ी नजर आयी उसे देखते हुए भाजपा इस मामले पर कंगना को दिया गया पदृमश्री सम्मान वापस लेने का साहस नही कर पायेगी? क्योकि भाजपा नेताओं के द्वारा ही इसी तरह के बयान पूर्व में दिये जाते रहे है। कंगना को पद्मश्री मिलने के बाद इस तरह का बयान दिया है इसलिए यह बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। उत्तरप्रदेश चुनाव होने के कारण भी हर राजनीतिक पार्टी कंगना के इस बयान का राजनीतिक लाभ उठा कर मोदी सरकार को घेेरना चाहती है। क्योकि भाजपा भी कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों के नेताओं को बयानों का पार्टी से जोडऩे में देरी नही करती है।