आंध्रप्रदेश की सत्ता बगैर हिन्दुत्व के एजेंडा के संभव नही, भाजपा टी राजा को पार्टी से निकाल करके अपने इस कोर एजेंड पर सवाल नही खड़ा करेंगी?
पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने वाली भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपूर शर्मा को भाजपा द्वारा पार्टी से निलंबित करने में दस दिनों का वक्त लिया, लेकिन आंध्रप्रदेश के विधायक टी राजा द्वारा, विवादित टिप्पणी करने में तत्काल कार्यवाही करते हुए उनका निलंबित करने के साथ ही पूछा है कि उन्हें पार्टी से क्यों ना निकाल दिया जाये? इसके बाद से सवाल गहराने लगा है कि क्या भाजपा जो आंध्रप्रदेश में सरकार बनाने का सपना बून रही है, उससे पहले कट्टर हिन्दुवादी नेता को पार्टी से निकाल कर हिन्दुत्व के अपने कोर एजेंडा पर सवाल खड़ा करेंगी? राजनीतिक जानकारोंं का मानना है कि कोर्ट से टी राजा को जमानत मिल गई है इसलिए भाजपा आलाकमान के पास भी टी राजा को पार्टी में बनाये रखने का रास्ता खुल गया है।
जमानत मिल बताता है कि मामला कानूनी तौर पर कमजोर है
पैंगबर मोहम्मद पर नुपूर शर्मा द्वारा की गई विवादित टिप्पणी पर भाजपा आलाकमान ने उन्हें 6 साल के लिए निलंबित तो कर दिया था, लेकिन पिछले दरवाजें से उनका बचाव भी करती रही जिसकी वजह से कई एफआईआर के बार भी गिरफ्तारी नही हो सकी। संभवत: आंध्रप्रदेश के भाजपा विधायक डी राजा के साथ भी भाजपा कुछ वैसी की कार्यवाही करती दिखाई दे रही है। भाजपा ने तत्काल विधायक टी राजा को निलंबित करने के साथ ही यह सवाल भी पूछा है कि उनकों पार्टी से क्यों ना निकाल दिया जायें। सवाल यह है कि क्या टी राजा के जवाब से भाजपा आलाकमान संतुष्ट होगा? यह सवाल राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है, क्योकि जमानत मिलने के टी राजा ने निलंबन के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह पर अपनी आस्था जाहिर करते हुए कहा कि उनका वफादार पैदल सैनिक बने रहेंगे, साथ ही कहा कि पार्टी से ज्यादा मेरे लिए धर्म की रक्षा करना महत्वपूर्ण है। ऐसे हालातों मेंं भाजपा आलाकमान उन्हें पार्टी से निकालती है कि तो उनके हिन्दुत्व के कोर एजेंडा को भी भारी नुक्सान पहुंचेगा क्योकि टी राजा ने पार्टी से ज्यादा धर्म की चिंता जाहिर की है, भाजपा धर्म के खिलाफ काम करेगी इसकी उम्मीद किसी को नही है। भाजपा आंध्रप्रदेश में सरकार बनाने का सपना देख रही है, जो हिन्दुतव के मुद्दे बगैर किसी भी हालत में संभव नही है, इसलिए भाजपा आलाकमान निश्चित ही विधायक टी राजा के सफाई से संतुष्ट होकर उनके निलंबन को वापस ले लेगा, विपक्ष जरूर निलंबन रद्द करने की कार्यवाही पर सवाल उठायेगा लेकिन जब अदालत ने भी जमानत पर रिहा करके बता दिया है कि केस बहुत कमजोर है। मुस्लिम पक्षों के विरोध को पहले भी भाजपा गंभीरता से नही लेती है बल्कि ऐसे विरोधों से भाजपा को ध्रुवीकरण की राजनीति के लिए जरूरी खाद पानी उपलब्ध हो जाता है। गौरतलब है कि यूपी चुनाव में टी राजा ने कहा था कि जो योगी आदित्यनाथ को वोट नही देगा उसके घरों में बुलडोजर चलाया जायेगा, जनता ने उनकी बातों को बेहद गंभीरता से लेते हुए अपने घरों को बचाने के लिए योगी आदित्यनाथ को वोट दिया। इसलिए भाजपा आलाकमान किसी भी स्थिति में धर्म की लड़ु़ाई लडऩे वाले टी राजा को पार्टी से निकाल कर अधर्म का काम नही करेगी।