भाजपा के साथ ही बस्तर प्रभारी की मुश्किलें बढ़ी, भाई के हिन्दुत्व विरोधी पार्टी में शामिल होने से
बस्तर प्रभारी संासद संतोष पांडे के भाई विजय पांडे के कांग्रेस में शामिल होने से छत्तीसगढ़ की राजनीति फिजा पूरी तरह से बदल गई है। भाजपा, कांग्रेस को घेरने के देशद्रोही पार्टी होने के साथ ही हिन्दुत्व विरोध व मुस्लिम समर्थक बताती रही है, लेकिन छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पूर्व बस्तर प्रभारी संतोष पांडे के भाई के कांग्रेस में चले जाने से यह सवाल राजनीतिक विश£ेषकों के दिमाग में कौंध रहा है कि जब बस्तर प्रभारी अपने परिवारवालों को कांग्रेस पार्टी के नुक्सान के बारे में जब नही समझा सके तो वह कैसे बस्तरवासी को कांग्रेस पार्टी के नुक्सान के बारे में पता पायेगें?
भाजपाई जब भाजपा के हिन्दुत्व को नही समझ पाये, तो जनता कैसे समझेगी?
बस्तर जिसे सत्ता का प्रवेश द्वार कहा जाता है, भाजपा को पुन: स्थापित करने की जिम्मेदारी प्रदेशाध्यक्ष अरूण साय ने सांसद संतोष पांडे को इस उम्मीद से सौपी की, वह बस्तर में भाजपा के खोये जनाधार को वापस लाने में कामयाब होगें। सांसद संतोष पांडे बस्तर में भाजपा की जड़ो को मजबूत करने का काम करते उसके पूर्व ही कांग्रेस संगठन ने उनके भाई विजय पांडे मोहम्मद अकबर के उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल होकर भाजपा के हिन्दुत्व के मुद्दे की हवा निकाल दी, क्योकि विजय पांडे लम्बे समय से भाजपा के सक्रिय सदस्य होने के बाद, यह जानते हुए कांग्रेस हिन्दुत्व विरोध है। यह पूरा घटनाक्रम जनता को यही संदेश दे रहा है कि भाजपा कांग्रेस को बदनाम करने के लिए हिन्दुत्व विरोधी नारा लगा रही है, अगर ऐसा होता तो हिन्दुत्व की पताका फहराने वाले विजय पांडे कभी भी हिन्दुत्व व देश विरोध पार्टी में शामिल नही होतें। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि वर्तमान राजनीति में हिन्दुत्व समर्थक व हिन्दू विरोधी मुद्दा ही सबसे अहम है, ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनावी वर्ष मेंं बस्तर प्रभारी संतोष पांडे के भाई के कांग्रेस में शामिल होने से बस्तर प्रभारी के साथ ही भाजपा की मुश्किलें भी बढ़ गई है। बस्तर प्रभारी संतोष पांड को कांग्रेस के बारे में बताने से पहले बस्तर की जनता को यह बताना पड़ेगा कि उनका भाई देशविरोध व हिन्दुत्व विरोध पार्टी में कैसे व किन कारणो के चलते शामिल हो गया है। वह अपने भाई को देशविरोधी पार्टी में जाने से क्यों नही रोक सकें?