May 1, 2025

क्या प्रशांत किशोर भाजपा में शामिल होगें ?

कांग्रेस छोडऩे वाला अधिकांश लोगों ने भाजपा में ही शामिल हुए है मोदी सरकार बनने के बाद

राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर को कांग्रेस पार्टी में शमिल होने को लेकर हुई बैठक में ही इस बात का एहसास हुआ कि कांग्रेस में नेतृत्व और संगठन की समस्याएं को दूर करने के लिए सामूहिक इच्छाशक्ति की जरूरत है। जबकि कांग्रेस के बगावती तेवर वाले जी 23 के नेता भी प्रशांत किशोर के मुद्दे को उठाते रहे है, जिसका सीधा मतलब है कि कांग्रेस की बैठक में प्रशांत किशोर की शर्ताे को जब कांग्रेस संगठन ने नही माना तो वह कांग्रेस को ही निशाना बनाने लगे। सवाल यह है कांग्रेस के नेतृत्व और संगठन में समस्या है, लेकिन भाजपा के संगठन और नेतृत्व में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नही है, वह भाजपा में शामिल होकर राजनीति की नई शुरूआत कर सकते है। कांग्रेस के बहुत से नेता भाजपा में शामिल होकर मुख्यमंत्री तक पहुंच गये है प्रशांत किशोर तो अभी कांग्रेस में शामिल नही हुए हेै इसलिए भाजपा में उनका राजनीतिक भविष्य कांग्रेसी नेताओं से बेहत्तर होने की उम्मीद की जा सकती है।
कांग्रेस की डूबती नैय्या को पार लगाने के लिए कांग्रेस संगठन को राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की हर शर्त मानने की संभावनाएं थी लेकिन कांग्रेस और प्रशांत किशोर की बैठक में कांग्रेस संगठन ने प्रशांत किेशोर की शर्ताे को मानने से इंकार करके स्पष्ट कर दिया कि वह प्रशांत किशोर की शर्तो नही मानेगी, चाहे कांग्रेस और ही कमजोर क्यो ना हो जाये। जो कही ना कही यह तो बताता है कि कांग्रेस कमजोर होने के बाद भी उसका संगठन सत्ता पाने के लिए कोई भी शर्त नही मान सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रशांत किशोर मौके का फायदा उठाते हुए चुनावी रणनीति के लिए असीमित शक्तियां मांगने के साथ ही अपनी कंपनी को चालू रखने की शर्त भी रख रहे थे, जिसे कांग्रेस ने नही माना। जिसके बाद प्रशांत किशोर भी कांग्रेस छोड़कर किसी अन्य पार्टी में जाने वाले नेताओं की तरह ही कांग्रेस को निशान बनाते हुए कहा कि कांग्रेस को नेतृत्व और संगठन में समस्याएं दूर करने के लिए सामूहिक इच्छाशक्ति की जरूरत है, सवाल यह है कि कांग्रेस छोडऩे वाले के साथ ही कांग्रेस के जी 23 नेताओं का समूह भी इन्ही समस्याओं को लेकर लम्बे समय से लड़ाई लड़ रहे है। प्रशांत किशोर कांग्रेस की इस समस्या से पूरी तरह से अवगत होने के बाद भी कांग्रेस में शामिल होना, यही संदेश दे रहा है कि कांग्रेसी, प्रशांत किेशोर की शर्ताे नही मांनने पर सौदा रद्द करना पड़ा। जिसे प्रशांत किशोर चुनावी रणनीति की तरह दूसरा रूप देने की कोशिश कर रहे है। सवाल यह है कि प्रशांत किशोर क्या अब भाजपा में शामिल होगें, क्योकि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद कांग्रेसी नेता पार्टी छोड़कर भाजपा में ही शामिल हुए है, क्योकि बैठक के बाद प्रशांत किशोर के आरोप कांग्रेस छोड़कर जाने वाले नेताओं के काफी कुछ मिलते जुलते दिखाई दे रहे है।

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