आप ने भाजपा पर दिल्ली में मंदिर तोडऩे का लगाया आरोप, और दिया धरना
हिन्दुत्व की राजनीति में आम आदमी पार्टी भाजपा को जबरदस्त टक्कर देती दिखाई दे रही है। आम आदमी पार्टी के विधायक आतिशी ने भाजपा पर नीलकंठ महादेव मंदिर को तोडऩे का आरोप लगाते हुए धरना देकर कही ना कही भाजपा के हिन्दुत्व राजनीति को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास किया है कि एक तरफ भाजपा हिन्दुत्व की राजनीति कर रही है और दूसरी तरफ हिन्दुओं के मंदिरों को तोड़़ रही है। विधायक अतिशी का कहना है कि आम आदमी को डराने और धमकाने के लिए बीजेपी अब तक बहुत बुलडोजर का इस्तेमाल कर चुकी है, लेकिन अब उनका गुंडा राज यहां तक पहुंच गया है कि वे भगवान श्री राम तक को नही छोड़ रहे है। राजस्थान में शिवमंदिर तोडऩे के मामले पर भाजपा ने कांग्रेस को घेरने का प्रयास किया जबकि राजगढ़ नगरपालिका में भाजपा का पूर्ण बहुमत की सरकार है और निगम प्रशासन ने ही मंदिर को तोडऩे की अनुमति दी।
भाजपा के हिन्दुत्व की राजनीति को अभी तक टक्कर देने वाला कोई नही था। भाजपा नेता कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगा कर हिन्दुत्व की राजनीति करते रहे है, जिसक लाभ भी उन्हें चुनावों में मिला रहा है, लेकिन भाजपा के पदचिन्हों पर चलते हुए आम आदमी पार्टी भी हिन्दुत्व की राजनीति पर भाजपा को घेरने की कोशिश शुरू कर दिया है, जिससे निश्चित ही भाजपा की मुश्किलें आने वाले समय में बढऩे वाली है, क्योकि हिन्दुत्व की राजनीति में कौन बड़ा है यह दौड़ कम से कम आप और भाजपा के बीच शुरू हो गयी है। दिल्ली के कालकाजी से आम आदमी पार्टी के विधायक अतिशी ने हिन्दुत्व की राजनीति करने वाले भाजपा पर नीलकंठ महादेव के मंदिर तोडऩे के खिलाफ घरना दिया। विधायक आतिशी का कहना है कि यह प्रदर्शन आम आदमी पार्टी की पहल नहीं बल्कि आम लोगों का गुस्सा है, ये श्रीनिवासपुरी की महिलाओं के जरिए और दिल्ली की सभी जनता के जरिए बीजेपी के अन्याय के खिलाफ है, जिन्होंने किसी भी कीमत पर किसी को भी अपने धर्मस्थल पर हमला नहीं करने देगे का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार बुलडोजर का इस्तेमाल करके श्रीनिवासपुरी में न केवल मंदिर बल्कि करोड़ो लोगों की श्रद्धां भी ढहाएगी। वही आम आदमी पार्टी ने भी कहा कि बीजेपी चाहे कितनी भी ताकत लगा ले, आम आदमी पार्टी मंदिर पर बुलडोजर नहीं चलने देगी।
यह घटना स्पष्ट करती है कि हिन्दुत्व की पिच पर ही भाजपा को आम आदमी पार्टी घेरने की कोशिश कर रही है। भाजपा जिस हिन्दुत्व के सहारे सत्ता तक पहुंची है उसी हिन्दुत्व के सहारे आम आदमी पार्टी भी सत्ता तक पहुंचने के रणनीति पर काम कर रही है। हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने आम आमदी पार्टी क्ेा झ्टका देते हुए प्रदेशाध्यक्ष अनूप केसरी, सहित कई नेता भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए, लेकिन आम आदमी पार्टी ने भी भाजपा की इस तोडफ़ोड का बदला लेते हुए भाजपा के के एसटी मोर्च के पंकज पंकू, कांग्रेस प्रवक्ता राजीव गौतम, पत्रकार पंकज पंडित, समेत बीजेपी के 32 प्रधानों और उप प्रधानों को आम आदमी पार्टी की सदस्यता दिलाई, यह घटना ही यहीं संदेश दे रही है कि आम आदमी पार्टी भाजपा की रणनीति पर ही चल करके भाजपा को घेर रही है।
राजस्थान के मंदिर तोडऩे में भी भाजपा शामिल है
राजस्थान के राजगढ़ में तीन सौ साल पुराने मंदिर के तोडऩे के मामले पर राष्ट्रीय स्तर पर जम कर राजनीति हुई, जबकि वसुंधरा राजे सरकार के दौरान राजगढ़ के मास्टर प्लान के तहत बनाये जाने वाले गौरवपथ का काम अतिक्रमण के चलते पूरा नही हो सका था, राजगढ़ नगरपालिका में भाजपा के 34 सदस्य और कांग्रेस का एक सदस्य होने के बाद भी सर्वसम्मति से मंदिर तोडऩे के साथ ही अतिक्रमण हटाने का प्रस्ताव पास होना बताता है कि भाजपा मंदिरों की राजनीति तो करती है लेकिन दूसरी तरफ मंदिर तोडऩे का आदेश भी भाजपाई सरकार जारी करने में परहेज नही करती है। मंदिर के साथ ही 32 और मकान भी तोड़े गये। अतिक्रमण हटाने के दो दिन पहले नगरपालिका प्रशासन ने मुनादी भी करवाई थी उस वक्त भी भाजपा नेता मंदिर को बचाने के लिए सामने नही आये, लेकिन मंदिर तोड़े जाने के बाद वोटों के लिए राजनीति गर्मा गयी है । प्रशासन ने स्पष्ट किया कि राजस्व रिकार्ड में करीब 60 फीट का रास्ता है लेकिन अतिक्रमण के चलते वह 20 फीट में तब्दिल हो गया। वही दूसरी तरफ नाले के ऊपर बनाये गये एक मंदिर में स्थापित मूर्तियों को निर्माणकर्ताओं ने खुद ही हटा लिया, वही दूसरे मंदिर का आंशिक हिस्सा ही तोड़ा गया है वही किन्नरों का बनाया गया मंदिर की कार्यवाही का किन्नरों ने भी विरोध नही किया। मंदिर को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीति चल रही है, इस राजनीति से आम आदमी पार्टी को फायदा होता दिखाई दे रहा है, क्योकि राजगढ़ में जिस मंदिर को तोड़ा गया, उसमें भी दिल्ली में मंदिर तोडऩे की तरह कही ना कही भाजपा शामिल है , क्योकि नगरपालिक में पूर्ण बहुमत के बाद भी भाजपाई ने मंदिर तोडऩे को हरी झंडी दी थी, अन्यथा यह मंदिर कभी नही टूटता।