धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने के साथ ही सरपंचों का मानदेय दोगुना किया
छत्तीसगढ़ सरकार ने धान का समर्थन मुल्य 2800 सौ रूपये करके पहले ही भाजपा की परेशानियों में इजाफा कर दिया था, क्योकि भाजपा धान के समर्थन मूल्य में कांग्रेस से बेहत्तर ऑफर तीन सालों सामने नही ला सकी है, पिछला चुनाव में भाजपा को हराने में किसानों की अहम भूमिका थी इसलिए भाजपा को किसान के मुद्दे पर ध्यान देने की जरूतर है। मोदी सरकार के द्वारा कृषि बिल की वापसी से छत्तीसगढ़ भाजपा को किसानों के बीच अपनी पैठ जमाने का मौका तो जरूर मिल गया है लेकिन किसानों को धान का मूल्य कांग्रेस से ज्यादा को लेकर अभी भी समस्या बनी हुई है। वही दूसरी तरफ पंचायती राज्य सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरपंच का मानदेय चार हजार रूपये व जिला पंचायत सदस्यों का मानदेय 10 हजार रूपये करके भाजपा की सत्ता वापसी के सपने पर पूरी तरह से दो साल पहले ही पानी फिर दिया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस के अंदर चल रही कुर्सी की लड़ाई पर भी विराम लगा दिया, क्योकि मुख्यमंत्री की आकर्षक घोषणाओं ने हर किसी का ध्यान खीचंने में सफल रही है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से दूर करने के लिए धान का रेट 28 सौ रूपये करके भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी थी, पंचायत राज्य सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिस तरह से जिला पंचातय व सरपंचों के लिए पिटारा खोल है उसे देखकर जहंा भाजपा के अंदर खलबली मच गयी है।
राजनीतिक पंडित इसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का मास्टरस्ट्रोक बता रहे है। मुख्यमंत्री भूपेेश बघेल ने सरपंचों का मानदेय 2 हजार से चार हजार रूपये करने के साथ ही सरपंचों की बैठक के लिए दौ सौ की जगह पांच सौ रूपये मिलेगें। वही जिला व जनपद पंचायत के अध्यक्ष व सदस्यों के मानदेय और विकास निधि को भी बढ़ाने की घोषणा की है। साथ ही राशि भुगतान की शक्ति अफसरों के साथ जिला और जनपद अध्यक्ष के पास भी होगी। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जिस तरह से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धान में दाम बढ़ाने के बाद सरंपचों से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष तक मानदेय व राशि बढाने के साथ सुविधाओं में विस्तार किया है,उससे भाजपा की सत्ता वापसी की संभावनाओं को दो साल पहले ही खत्म कर दिया है। भाजपा मंहगाई के मुदृदे पर जरूर सड़क की लड़ाई लड़ती नजर आ रही है लेकिन देश में महंगाई बढ़ाने में अहम भूमिका मोदी सरकार की ही है यह बात सभी को मालूम है इसलिए महंगाई के मुद्दा कांग्रेस को परेशानी में डालेगा इसकी संभावनाएं दूर दूर तक नजर नही आ रही है।