बंगाल के बाद त्रिपुरा में भी भाजपा विधायक टीएमसी में शामिल होने की शुरूआत हुई
बंगाल में भाजपा को टीएमसी के हाथों मिली हार के बाद से भाजपा नेताओं के पलायन का सिलसिला जो शुरू हुआ वह खत्म होने का नाम नही हो रहा है वही दूसरी तरफ त्रिपुरा में भी भाजपा नेता पार्टी छोड़ कर टीएमसी में शामिल होने शुुुरूआत ने भाजपा आलाकमान की मुश्किलें बढ़ा दी है, क्योकि भाजपा आलाकमान अभी तक टीएमसी की राजानीति में टीएमसी के सामने नतमस्तक ही नजर आया है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में बंगाल की तरह ही त्रिपुरा में भी भाजपा और टीएमसी के बीच मुकाबलें की नींव तैयार हो रही है, जिसे भाजपा को फतेह करना आसान नही कांगे्रस की तरह आसान नही होगा।
पूर्वी भारत में भाजपा के लिए टीएमसी सिरदर्द बनती जा रही है। बंगाल में भाजपा के रह संभव प्रयास के बाद भी टीएमसी ने शानदार जीत कर करके भाजपा चाणक्यों की हवा निकाल दी थी इसके बाद भाजपा छोड़ कर टीएमसी में शामिल होने का सिलसिला अभी भी जारी है। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में आयोजित कार्यक्रम में सांसद अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में विधानसभा चुनाव पूर्व टीएमसी छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए राजीव बेनर्जी फिर से टीएमसी में शामिल हो गये है। साथ ही त्रिपुरा के भाजपा विधायक आशीष दास भी सिर मुंडवाकर टीएमसी में शामिल होने से राजनीतिक हलचल तेज हो गयी है, कुछ महीनें पूर्व कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष पिजूष कांति बिस्वासने पार्टी छोडऩे का ऐलान किया वह कांग्रेस छोड़ कर टीएमसी में गयी सुष्मिता देव के करीबी माने जाते है। कांग्रेस के अध्यक्ष प्रद्योत देबबर्मन में भी कांग्रेस छोड़ दी है, जिस तरह से कांग्रेस व भाजपा नेता एक के बाद एक टूटकर टीएमसी में शामिल हो रहे है, वह स्पष्ट करता है कि त्रिपुरा में आगामी विधानसभा चुनाव टीएमसी और भाजपा ही मुकाबला होगा। भाजपा विधायक आशीष दास इसी महीने कोलकाता के कालीघाट में पूजा करने के बाद सिर मुंडवाकर भाजपा छोडऩे की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि 2023 के विधानसभा चुनाव मेेें त्रिपुरा से भाजपा को उखाड़ फेंकुुंगा।