यूपी में भाजपा के कमजोर नेतृत्व के चलते भाजपा नेता छोड़ रहे है पार्टी
यूपी में डबल इंजन सरकार होने के बाद भी भाजपा के अंदर भगदड़ मचना सवाल खड़े करता है कि कही दोनों इंजन आमने सामने तो नही आ गये है? जिससे चलते भाजपा के अंदर विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद हाहाकार मच गया है। योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफा देने के बाद भाजपा विधायक बृजेश प्रजापति, भगवती प्रसाद सागर, और रोशन लाल वर्मा के इस्तीफे ने भाजपा के अंदर भूचाल ला दिया है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा नेताओं को पार्टी बदला कर जिस तरह से विरोधी खेमें का मनोबल तोड़ती आ रही है, यूपी में भाजपा को उसी रणनीति से अब रूबरू होना पड़ रहा है। इसके पूर्व भाजपा विधायक राकेश राठौर , माधुरी वर्मा, राधाकृष्ण शर्मा, और दिग्विजय नारायण चौबे पार्टी छोड़ चुके है। जब मोदी और योगी का जादू अपने विधायकों पर ही नही चल पा रहा है तो जनता पर कैसे चलेगा?
यूपी में भाजपा का जहाज डूब रहा है?
योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि दलितों, पिछड़ो, किसानों, बेरोजगारों और छोटे व्यापारियों की घोर उपेक्षा के कारण उन्होंने इस्तीफा दिया है। उन्होंने दावा किया है कि आगे की धार और वार देखते रहिए। अभी 10 से 12 और विधायक इस्तीफा देंगे। उनकी इस बात की पृष्टि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने करते हुए कहा कि भाजपा के और कई विधायक सपा में शामिल होने वाले है। भाजपा आलाकमान सपने में भी यह नही सोचा होगा कि विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद भाजपा के अंदर इस तरह की भगदड़ मच जायेगी, लेकिन होनी को और ही कुछ मंजूर था। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा, नेताओं की भगदड़ को लेकर कांग्रेस को हमेशा कठघरे में खड़ा करती रही है कि कांग्रेस एक डूबता हुआ जहाज हेै इसलिए समझदार लोग भाग रहे है, क्या यूपी में भाजपा की हार तय है इसलिए भाजपा के नेता जहाज छोड़ कर जा रहेे है? या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के रहते पार्टी संगठन इतना कमजोर हो गया है कि यूपी के पलायन को भी रोक नही पा रहा है, राहुल गांधी की तरह। बंगाल में विधानसभा चुनाव हारने के बाद भाजपा में पलायन शुरू हुआ था लेकिन यूपी में तो चुनाव के पूर्व ही पलायन शुरू हो गया है जो स्पष्ट करता है कि डबल इंजन की सरकार में दोनों इंजन आमने सामने आ गया है, और एक्सीडेंट तय माना जा रहा है। यह बात भाजपा के नेताओं को पता लग गयी है, चुनाव तक निश्चित ही जनता को भी पता चल जायेगी।
पिछड़े वर्ग के नेता योगी सरकार से क्यो है नाराज
मंत्री स्वामी प्रयास मौर्य के पार्टी छोडऩे से भाजपा को पिछड़े वर्ग के वोट का भारी नुक्सान होने का अनुमान लगाया जा रहा है, क्योकि पूर्व में भाजपा गठबंधन का हिस्सा रहे ओम प्रकाश राजभर भी इस चुनाव में सपा के पाले में चले गये है, जिन्हें मनाने की कोशिश अभी जारी होना इस बात का प्रमाण है कि भाजपा आलाकमान को भी मालूम हेै कि पिछड़े वर्ग में सपा बड़े पैमाने पर सेंधमारी कर रही है। भाजपा जरूर ब्राम्हण वोट को बचाने के लिए केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी का इस्तीफा नही ले रही हेै लेकिन दूसरी तरफ पिछड़े वर्ग के नेता पार्टी छोड़ रहे है। योगी के रामराज्य में योगी सरकार के हिस्सेदार जब संतुष्ट नही नजर आ रहे है और योगी को हराने के लिए पाला बदल रहे है तो जनता क्यों नही पाला बदलेगी। बंगाल के बाद मोदी सरकार को यूपी में योगी सरकार को बचाने के लिए जूझना पड़ रहा है, जो बताता हेै कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू अब धीरे धीरे खत्म होने लगा है।