मनोहर पर्रिकर के बेटे ने पणजी टिकट पर ठोकी अपनी दावेदार
बंगाल चुनाव के बाद किसान आंदोलन को लेकर पीलीभीत के भाजपा सांसद वरूण गांधी और मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक खूल कर मोदी सरकार के खिलाफ बोलते नजर आये, जिसके चलते भी मोदी सरकार के ऊपर कृषि बिल वापस लेने का अतिरिक्त दबाव बन रहा था और अंतत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कृषि बिल वापस लेना पड़ा। उसी तरह ही गोवा में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर ने भी आगामी विधानसभा की टिकट के लिए भ्भाजपा संगठन को आंख दिखाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा उन्हें पणजी से विधानसभा की टिकट नहीं दिया तो कड़े फैसले लेने पर मजबूर होना पड़ेगा। साथ ही उन्होनें कहा कि उन्हें भाजपा पर पूरा भरोसा है। गौरतलब है कि भाजपा कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाती रही है, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर ने पणजी से विधानसभा की टिकट मांग कर परिवार वाद की राजनीति को आगे बढ़ाने की कोशिश करते दिखाई दे रहे है। भाजपा आलाकमान गोवा में परिवारवाद को आगे बढ़ायेगी या नही। इसका फैसला पणजी पर उत्पल पर्रिकर की टिकट से साबित हो जायेगा। उत्पल पर्रिकर के पिता मनोहर पर्रिकर लगातार 25 साल पणजी का प्रतिनिधित्व करते रहे थे। जिस पर उनके बेटे ने अपनी दावेदारी की है। वर्तमान में इस सीट पर कांग्रेस के एंटानासियो मोनसेरातों विधायक है।
गोवा में परिवारवाद का मुद्दा भूल जायेगी भाजपा
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मोदी सरकार पहली बार दवाब में नजर आ रही है। उपचुनाव परिणाम में हिमाचल प्रदेश में पराजित होने के बाद पेट्रोल ओर डीजल के बाद कम करने के साथ ही विधानसभा चुनाव के पूर्व कृषि बिल वापस लेने की घोषणा की है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि गोवा में पार्टी की अंदरूनी कलह को सार्वजनिक करने से बचने के लिए मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर को पणजी से टिकट दे देगी, क्योकि उनके तेवर पार्टी को नुक्सान पहुंचा सकते है। परिवारवाद नारे को गोवा में भाजपा भूला देगी