मोदी सरकार में क्या राजनाथ सिंह का कद कमजोर हुआ
योगी सरकार की दूसरी पारी मेंलगातार दूसरी बार नोएडा में पौने दो लाख से ज्यादा वोटों से जीतने वाले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह को मंत्रीमंडल में जगह नही मिलने की चर्चा जहां राजनीतिक गलियारों में प्रमुख राजनीतिक विषय बना गया है, वही दूसरी तरफ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का बयान अभी तक नही आया है कि किन कारणों के चलते उनके बेटे को जगह योगी मंत्रीमंडल में जगह नही मिली सकी। गौरतलब है कि नेताओं के बेटे को टिकट नही मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खूलकर कहां था कि उनके कहने पर टिकट काटा गया, क्या रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बेटे को मंत्री नही बनाये जाने के मामले पर भी कुछ बोलेगें? उल्लेखनीय है कि बीजेपी के वरीष्ठ नेता लालजी टंडन मध्यप्रदेश के राज्यपाल है वही के बेटे आशुतोष टंडन यूपी के मंत्री है उसी तरह ही राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के बेटे राजबीर सिंह सांसद है जबकि पोते संदीप सिंह को योगी के कैबिनेट में जगह मिली है। जो स्पष्ट करता है कि परिवारवाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे को मंत्री नही बनाये जाने का कारण नही है, तो कौन सा कारण है जिसके चलते उन्हें मंत्री नही बनाया गया है?
पंकज सिंह को नही मिली योगी मंत्रीमंडल में जगह
योगी सरकार 2.0 में दूसरी बार नोएडा से जीत रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह के मंत्रीमंडल में जगह मिलना लगभग तय माना जा रहा था, क्योकि उन्होंने एक लाख 81 हजार मतों से चुनाव जीता था, लेकिन अंतिम समय में उनका नाम काट दिया जाना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया, क्योकि पंकज सिंह का मंत्रीमंडल में जगह नही मिलना सीधे सीधे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के मोदी सरकार में उनकी कमजोर होती पकड़ के तौर पर देखा जा रहा है, क्योकि योगी मंत्रीमंडल में पहली बार चुनाव जीते लोगों को भी जगह दी गयी है। वही भाजपा नेताओं के परिवार से भी जूडे नेताओं को भी मंत्रीमंडल में जगह दी गयी है, ऐसे में फिर क्या कारण था कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह को मंत्रीमंडल में जगह नही देकर मोदी सरकार और योगी सरकार जनता को क्या संदेश देना चाहती है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पड़ोसी दुश्मनों को करार जवाब देने की विश्वास दिलाने वाले अभी तक इस मामले पर मौन साधे हुए है। सवाल यह है कि क्या वह आने वाले समय पर इस बारे में कुछ बोलेगें या मौन हरकर मोदी सरकार और योगी सरकार के फैसले को मानने को मजबूर हो जायेगें, क्योकि उन्हें मालूम है कि मोदी सरकार मेंं उनका क्या कद है। देश के रक्षामंत्री जरूर है लेकिन अपने बेटे की शानदार जीत के बाद भी मंत्रीपद नही दिला सकते है।