May 1, 2025

योगी सरकार में बस से ज्यादा सवारी ट्रैक्टर ट्राली में ढोई जा रही है

प्रशासन जनता हित में क्या मालवाहक वाहनों में सवारी ढ़ोने की छूट दे रही है ?

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी में कानून का राज होने का दावा करते है, क्या इस दावे मेें मालवाहक वाहनों में सवारी ढोने का मामला शामिल नही है, क्योकि कानपुर में ट्रैक्टर ट्राली के पटलने से 26 लोगों की मौत हो गई है जिसमें 14 महिलाएं शामिल है। दुघटर्नाग्रस्त ट्रैक्टर ट्राली में 50 लोगों का सवार होना स्पष्ट करता है कि योगी सरकार में यातायात नियमों की धज्जियां पुलिस प्रशासन निशुल्क उड़ाने दे रही है, या यह काम पैसा लेकर कर रही है? इस दर्दनाक हादसे के बार जरूर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगोंं से अपील की है कि लापरवारी न बरतें और ट्रैक्टर ट्रॉली का इस्तेमाल केवल माल की ढुलाई के लिए करें, लेकिन प्रशासन पर सवाल नही उठाया कि उनके रहते कैसे मालवाहक वाहनों में सवारी ढोई जा रही है?

यूपी की सडकों में कानून का राज नही चलता है?

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दावा करते है कि यूपी में कानून का राज है लेकिन इसके बाद भी मालवाहक वाहनों में सवारी को ढोने का सिलसिला जारी होना साबित करता है यह दावा भी अच्छे दिन की तरह सिर्फ हवा हवाई ही है, क्योकि मालावाहक वाहनों में सवारी ढोने से रोकने की जिम्मेदारी योगी सरकार की है जिसमें वह पूरी तरह से असफल साबित हुई है? कानपूर के घाटमपुर इलाके में फतेहपुर से चंद्रिका देवी मंदिर जा रही ट्रैक्टर ट्राली घाटमपुर के पास रोड़ किनारे पानी भरे गड्ढे में गिर गई, इस हादसे में ट्रैक्टर ट्राली में 26 लोगों की मौत हो गई, मरने वालों में बच्चे भी शामिल है। इस घटना के बाद योगी आदित्यनाथ ने लिखा कि ट्रैक्टर टॉली का इस्तेमाल केवल खेती और माल की ढुलाई के काम के लिए करें न कि सवारियों को ले जाने के लिए, सवाल यह है कि क्या इस हादसे से पहले योगी सरकार को इस बात की जानकारी नही थी कि मालवाहक वाहनों मेंं सवारी क्षमता से अधिक ढ़ोई जा रही है । ट्रैक्टर टॉली में 50 लोग सवार होना यह संकेत दे रहा है कि ट्रॉली क्षमता से बहुत ज्यादा लोग सवार होने की वजह से भी यह हादसा हुआ हो? शासकीय खानापूर्ति के लिए हर मामले की तरह इस दुर्धटना की भी जांच की जा रही है, लेकिन इस घटना के बाद कुछ धरातल में बदलेगा इसकी उम्मीद बेमानी है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ राज्य मेें कानून राज का दावा करते है लेकिन यह घटना बताती है कि सड़क पर कानून का राज नही चलता है। मालवाहक वाहनों में सवारी ढोई जा रही है और योगी सरकार मौन इसलिए है क्योकि इसके आड़ में वसूली का खेल चल रहा है। अन्यथा यूपी प्रशासन के अधिकारी इतने रहमदिल नही होगें कि जनता हित में मालवाहक वाहनों में सवारी ढोने की छूट दे रखी हो?

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