28 साल से बाद किसानों को सीमा पर खेती करने पर बनी सहमती
जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान आतंकवादियों के रहस्य ड्रोन का विवाद का अभी तक समाधान नही निकल पाया है, परंतु दूसरी तरफ भारत पाकिस्तान सीमा पर 28 सालों के बाद किसानों के लिए खोलने का निर्णय मोदी सरकार द्वारा लिया जाना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है, कि एक तरफ पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी भारतीय सीमा में ड्रोन के माध्यम से सुरक्षा मेें सेंधमारी करने में लगे है, दूसरी तरफ मोदी सरकार पिछले दरवाजें से पाकिस्तान से संबंध बेहत्तर बनाने में लगी हुई नजर आ रही है।
केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद से भारत के हर चुनाव में पाकिस्तान एक अहम मुद्दा के तौर पर उभरने लगा, जबकि लोकसभा चुनाव के पूर्व पुलवामा में हुए आंकतवादी हमले के जवाब में मोदी सरकार ने सर्जिकल अटैक करके खूब वाहवाही लूटी और लोकसभा चुनाव में एतिहासिक जीत दर्ज की। वर्तमान में जम्मू कश्मीर में रहस्यमय ड्रोन भारतीय सुरक्षा में लगातार सेंधमारी करके सुरक्षा बलों की नींद उड़ाये हुए है। वही दूसरी तरफ पिछले दरवाजे से मोदी सरकार और पाकिस्तान सरकार 28 साल बाद तारबंदी के कारण जिस लाखों बीघा जमीन पर किसान खेती नही कर पा रहे थे, उसका रास्ता खोल दिया है। यह राजनीतिक कोशिश एक अच्छा कदम है लेकिन सवाल उठता है कि जब पाकिस्तान से आंकतवादी ड्रोन से भारतीय सीमा में सेंधमारी कर रहे है इसी दौरान मोदी सरकार किसके दवाब में पाकिस्तान के साथ पिछले दरवाजें से बातचीत करते हुए किसानोंं की खेती के लिए 28 साल पूर्व बंद हुए रास्ते को खोल रही है। कुछ दिनों पूर्व पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि जल्द ही भारत के साथ कुछ समझौते पर तालमेल होने की उम्मीद है जिसमें शायद सीमा पर किसानों की खेती का मामला भी शामिल रहा होगा जिसमें समझौता हो गया है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस समझौता के बाद से पाकिस्तान को लेकर मोदी सरकार के नेता जिस तरह ही आक्रामणता दिखाते आ रहे है उसमें लगाम लग सकती है, क्योकि मोदी सरकार ही पिछले दरवाजे से पाकिस्तान से बात कर रही है जिसकी वजह से किसानों के खेती का समझौता हो पाया है।
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