केरल व तमिलनाडु के हालत चिंताजनक, असम व बंगाल की स्थिति सामान्य बनी हुुई है
असम व बंगाल से सटे बांग्लादेश में लॉकडाउन लगाने की घोषणा
देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार दुनिया में सबसे तेज है, भारत में एक दिन में 89,129 मामले मिलने से, ब्राजील को भी पीछे छोड़ कर संक्रमण के मामले पर पहले नंबर पर जरूर आ गया है। कोरोना संक्रमण बंगाल व असम में खतरनाक स्तर पर नही पहुंचना आम जनता के बीच भी चर्चा का विषय बना हुआ है क्योकि इन दिनों राज्यों में भाजपा की सरकार बनने की संभावनाओं के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित मोदी सरकार के अन्य मंत्री व भाजपा के मुख्यमंत्री चुनावी सभा आयोजित कर रहे है, जिसमें कोरेाना के बचाव के नियमों की खूल्ले आम धज्जियां उड़ाई जाने के बाद भी संक्रमण खतरनाक स्तर पर नही पहुंच पाया है।
गौरतलब है कि चुनाव लड़ रही अन्य राजनीतिक पार्टी भी चुनावी सभाओं का आयोजन करने में व्यस्त है, इसके बाद भी कोरोना संक्रमण क्यो तेजी से नही फैल रहा है, यह ऐसा विषय है जिस पर शोध करने की जरूरत है। क्या बंगाल व असम में भाजपा की संभावनाओं को देखते हुए कोरोना यहां प्रवेश करने का साहस नही कर सका है जबकि केरल व तमिलनाडू में भी विधानसभा चुनाव हो रहे है लेकिन वहां पर कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है यह केंद्र सरकार भी मान नही है। केंद्र में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, कर्नाटक, केरल, गुजरात, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, चंदीगढ़, हरियाणा, और दिल्ली की हालत चिंताजनक बताई है। गौरतलब है कि बंगाल व असम जो बांग्लादेश की सीमा से सटे है जहां पर कोरोना संक्रमण के विस्तार को रोकने के लिए 5 अप्रैल से एक हफ्ते का देशव्यापी लॉकडाउन लगाने का फैसला बंाग्लादेश की सरकार ने लिया है, भाजपा नेताओं की माने तो असम व बंगाल में बांग्लादेश से ही ेबड़ी संख्या में घुसपैठियां भारत में आते है, लेकिन कोरेाना काल में सरकार को इन घुसपेैठियों से कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा भी नही नजर आ रहा है क्योकि इन दोनों राज्यों में भाजपा ने सरकार बनाने के लिए लंबे समय से मेहनत कर रही थी, इस पर पानी ना फिर जाये इसके लिए कोरेाना का बंगाल व असम में चुनाव तक मोदी सरकार ने रोक लगाई रखी है, चुनाव खत्म होने के बाद ही कोरेाना संक्रमण यह पर फैलेगा।