May 1, 2025

बंगाल में रणनीति क्या पंजाब में काम करेगी?

कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब में भाजपा के छोटे भाई की भूमिका में ही नजर आयेगें,

कैप्टन अमरिदंर सिंह को मुख्यमंत्री से हटाने से नाराज पूर्व मंत्री गुरमीत सिंह सोढ़ी अमरिंदर सिंह की पार्टी में शाामिल होने की जगह भाजपा में शामिल होकर स्पष्ट संकेत दे दिया है कि पंजाब में भाजपा बड़े भाई का रोल अदा करने की तैयारी में है, और कैप्टन अमरिंदर सिंह छोटे भाई की भूमिका में ही नजर आयेगें। इसके पूर्व अकाली दल बदाल के दमदार नेता मनजिंदर सिंह सिरसा भाजपा में शामिल हो चुके है। जो बताता है कि भाजपा पंजाब में धीरे धीरे ही सही अपने आपकों बंगाल की तर्ज पर ही दूसरे पार्टियों के नेताओं के सहारे अपने आपको मजबूत करने में लगी हुई है।

अमरिंदर सिंह के समर्थक को अमरिंदर सिंह की पार्टी पर नही है भरोसा

कृषि बिल के चलते पंजाब में भाजपा की सहयोगी अकाली दल के गठबंधन से अलग हो जाने के बाद भाजपा पंजाब में भी अपने पैर पसारने की कोशिश कर रहा है। भाजपा और कैप्टन अमरिंदर सिंह आगामी विधानसभा चुनाव गठबंधन से लडऩे की बात तो कह रहे है, लेकिन सीटों का तालमेल अभी फाइनल नही होने से पंजाब में इस गठबंधन में कौन ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगा इस पर सस्पेंस कायम है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कैप्टन अमरिंदर ङ्क्षसह से समय से पहले ही अपने पत्ते खोल देने के कारण भाजपा को बढ़त मिली हुई है। जिसका फायदा उठते हुए भाजपा आलाकमान पंजाब में अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए दूसरे पार्टियों के नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करने में लगा हुआ है। इसी कड़ी में पहले अकाली दल के दमदार नेता मनजिंदर सिंह सिरसा को भाजपा में शामिल कराने के बाद कांग्रेस सरकार के दमदार नेता पूर्व मंत्री गुरमीत सिंह सोढी जो अमरिंदर सिंह के समर्थक माने जाते है, अमरिंदर सिंह को सीएम के पद से हटाये जाने के बाद से नाराज चल रही थे, ने भी भाजपा में शामिल होकर यह संदेश दे दिया है कि अमरिंदर सिंह की नई पार्र्टी का कोई भविष्य नही है। उन्होंने भाजपा में शामिल होने के बाद, हर पार्टी के छोडऩे वाले नेताओं की तरह बयान देते हुए कहा कि मैंने पंजाब की भलाई के लिए यह फैसला लिया हैं, पीएम मोदी और बीजेपी ही पंजाब को बचा सकती है। कांग्रेस ने राज्य की सुरक्षा और साप्रदायिक शांति व्यवस्था दाव पर लगा दी है। कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष छवि अब पूरी तरह से नष्ट हो चुकी हैं। लेकिन भाजपा धर्मनिरपेक्ष पार्टी के रूप में देश में अपनी पहचान बनाने में सफल रही है इसका उल्लेख क्यों नही किया यह चर्चा का विषय जरूर बना हुआ है।

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