भाजपा के चाण1य माने जाने वाले गृहमंत्री भी बंगाल में फेल साबित हुए
प्रदेशाध्यक्ष के सामने ही कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे पर कुर्सी फेंकी और मारपीट की
भाजपा आलाकमान के बंगाल की कमान दीपक घोष की जगह उनके करीबी सुकांत मजूमदार को सौपने के बाद भी गुटबांजी खत्म होने का नाम नही ले रही है। बद्र्धमान जिले में आयोजित कार्यक्रम में वर्तमान अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष के रहते ही पार्टी कार्यकर्ता एक कार्यक्रम के दौरान आपस में भिड़ जाना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया, 1योकि विधानसभा चुनाव के बाद बंगाल भाजपा के अंदरूनी राजनीति में जिस तरह उठापटक चल रही है उससे केंद्रीय राजनीति की बहुत भद्द पीट रही है इसके बाद भी आलाकमान बंगाल मामले पर पूरी तरह से नतमस्तक नजर आ रहा है। भाजपा नेताओं ने जरूर राजनीतिक बयानबांजी करते हुए इस घटना के लिए टीएमसी को जि6मेदार बता अपना दामन साफ बताने का प्रयास किया है, लेकिन बंगाल भाजपा में 1या चल रहा है इससे पूरा देश अवगत है।
बद्र्धमान जिले के कटवा के दईहाट में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं के एक समूह ने पूर्व प्रदेशाध्यक्ष दीपक घोष के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आरोप लगाया कि पार्टी के आम कार्यकर्ता को विधानसभा चुनाव के बाद टीएमसी के हमले का सामना कर रहे थे तब उनकी मदद नहीं की गई। नारे बाजी को रोकने के लिए दूसरे गूट ने प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास किया, जिसके चलते धक्का मुक्की जल्द ही हाथापाई में बदल गयी और कार्यकर्ता एक दूसरे पर कुर्सी फेंकने लगें, जो बताता है कि बंगाल भाजपा में अनुशासन नाम की चीज पूरी तरह से खत्म हो गयी है। प्रदेशाध्यक्ष श्री मजूमदार ने इस घटना के लिए टीएमसी को जि6मेदार बात कर पल्ला झाडऩे का प्रयास किया लेकिन जब यह सवाल किया गया कि दोनों पक्ष भाजपा के ही थे तब उन्हें कहना पड़ा कि इस घटना में भाजपा का कोई भी कार्यकर्ता शामिल है तो उस पर कार्यवाही होगी। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि नेताओं को अपने बचाव के लिए इस तरह से बयान देना पड़ता है लेकिन यह बात सबको मालूम है कि किसी पर कोई कार्यवाही नही होगी, 1योकि बंगाल में पहले ही भाजपा नेताओं के पलायन का सिलसिला जारी है। वही टीएमसी नेता ने भाजपा के आरोपो को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि पार्टी के भीतर की लड़ाई अब सार्वजनिक हो गई हैं, वे मतभेदों और अपने घर को ठीक नही रख पा रहे है और टीएमसी पर आरोप लगा रहे है।
विधानसभा चुनाव के बाद बंगाल भाजपा आलाकमान के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह के लिए सरदर्द बना हुआ है, जिससे निकलने के लिए अभी तक आजमाई गयी सभी रणनीति को टीएमसी नेता ममता बेनर्जी ने असफल कर दिया है। पहली बार मोदी सरकार को बंगाल में ममता बेनर्जी जैसे दमदार नेता मिला है जो मोदी सरकार की हर चाल का उसी की भाषा में जवाब दे रही है।