May 1, 2025

बाबा रामदेव को जनता की मोदी सरकार की इमेज की चिंता है

कालाधन आये या नही, राष्ट्रहित में बाबा को जानने का समय नही मिला है सात सालों में
पेट्रोल डीजल की कीमत बढ़ रही है लेकिन बाबा रामदेव मोदी भक्ती में लीन है

मोदी सरकार में बढ़ते पेट्रोल डीजल के दाम के बाद भी बाबा रामदेव द्वारा कालेधन को लेकर किसी भी प्रकार का कोई आंदोलन नही किया जाना स्पष्ट करता है कि बाबा रामदेव को मंहगाई से पीस रही जनता से ज्यादा मोदी सरकार की इमेज की चिंता है इसलिए जहां उन्होंने अपने ३० रूपये वाले ट्वीट को डिलीट कर दिया, वही डीजल व पेट्रोल के दाम सौ पार हो जाने के बाद भी मोदी सरकार का बचाव करते नजर आ रहे है, जबकि इस दौरान कालाधन में इजाफा होने कीख्खबरें सामने आयी है । बाबा रामदेव का कहना है कि मोदी सरकार के पास अलग अलग आर्थिक चुनौतियां हैं, सरकार को सरकार भी चलानी है, और राष्ट्रहित के सामाजिक कार्यो को भी जारी रखना है, जिसके चलते पेट्रोल व डीजल के टै1स को नही हटा पा रही है। इसके बाद भी बाबा रामदेव को इस बढ़ती महंगाई में भी उ6मीद नही छोड़ी है कि कभी पेट्रोल व डीजल से टै1स हटेगा और देशवासियों को सस्ता पेट्रेाल मिलेगा, उन्होंने यह नही बताया कि यह काम मोदी सरकार के कार्यकाल में ही होगा या आने वाले किसी और की सरकार में।
बाबा रामदेव को मनमोहन सरकार में देश के कालाधन की बहुत चिंता थी, जिसके चलते वह राष्ट्रहित में आंदोलन करके देश की जनता को यह समझाने का प्रयास किया कि कालाधन आ जायेगा तो पेट्रेाल व डीजल के दाम ३० रूपये हो जायेगें। जिसका फायदा भाजपा को मिला, लेकिन ना ही कालाधन वापस देश में आया और ना ही पेट्रेाल व डीजल के दाम कम हुए, लेकिन बाबा रामदेव को मोदी सरकार मे राष्ट्रहित की चिंता बिलकुल भी नही सता रही है, जबकि विदेशों में कालाधन में इजाफा होने के साथ ही पेट्रेाल डीजल के दामों में भी लगातार वृद्धि होने से महंगाई अपने चरम पर पहुंच गयी है। बाबा रामदेव का कहना है कि कालाधन, भ्रष्टाचार के लिए हमने जो पूरे देश में आंदोलन चलाया था तो उस वक्त मैंने कुछ प्रावधान रखे थे, अलग अलग प्रकार के आर्थिक सुधार के जो कार्यक्रम थे, मैंने बोला था कि कू्रड ऑयल के रेट के हिसाब से अगर तेल बेजा जाए और टै1स कम कर दिए जाए तो निश्चित रूप से जो मैंने कहा था वो हो सकता था। अब सरकार ने जिस तरह से पूरी अर्थव्यवस्था को संजोया है, उसमें अलग-अलग आर्थिक चुनौतियां है। सरकार को सरकार भी चलानी है राष्ट्रहित के सामाजिक कार्यो को भी जारी रखना है। तो जो टै1स है वह उसे नहीं हटा पा रही हैं। सवाल यह है कि मोदी सरकार आने के बाद बाबा रामदेव को यह परमज्ञान प्राप्त हुआ कि सरकार सामाजिक कार्यो भी करती है इसलिए टै1स वसूल रही है, मनमोहन सरकार में भी सामाजिक कार्यो का मोदी सरकार की तरह ही संचालन होता था।

बाबा भी भक्तों की भाषा बोल रहे है

राजनीतिक जानकारों का बाबा रामदेव के बयान को लेकर कहना है कि मोदी सरकार के खिलाफ बोलने की हि6मत नही है इसलिए मोदी सरकार की जी हजूरी करना ही उचित समझा और भक्तों की तरह ही बयान देते दिखाई दे रहे है, मनमोहन सरकार में जिस तरह से कालाधन पर बेबाकी से बयान देते थे अगर ऐसा किया तो ईडी या सीबीआई का छापा पड़ जाने से राष्ट्रहित के दावे की भी हवा निकल जायेगी। बाबा को अब कालेधन व पेट्रोल की चिंता नही है किस तरह ईडी व सीबीआई के छापे से बचे इसकी चिंता सता रही है यह उनके बयान में साफ नजर आ रहा है।

बाबा रामदेव को कालाधन नही, मोदी सरकार लाने के लिए लड़ी थी लड़ाई

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